हिन्दू राष्ट्र संसद में सहभागी सदस्यों और विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा रखे गए सूत्र !

श्री. आनंद जाखोटिया, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

अपने सूत्र रखते हुए श्री. आनंद जाखोटिया

भारत हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए । हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार का हिन्दू धर्म के लिए उपयोग होना चाहिए । मंदिरों के पुजारियों और वेदपाठशालाओं को सरकार से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए । पुलिस गोतस्करों पर कार्यवाही किए बिना छोड देते हैं । इसके लिए कठोर कानून बनना चाहिए । लव जिहाद के विरोध में कठोर कानून बनना चाहिए । हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता राष्ट्र और धर्म के लिए आंदोलन करते हैं; परंतु आंदोलन करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं पर झूठे अभियोग प्रविष्ट करते हैं । हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार आने के उपरांत उन पर प्रविष्ट अभियोग वापस लिए जाने चाहिए । अल्पसंख्यक राष्ट्रहित के लिए कुछ नहीं करते और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं । अतः इस विषय में विचार होना चाहिए ।

श्री. मनोज खाडये, पश्चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. मनोज खाडये

आज के समय में भारतीय न्यायव्यवस्था सहस्रों वर्ष पूर्व की हिन्दू विचार परंपरा का विचार करती हुई दिखाई नहीं देती । अतः हिन्दू धर्म प्राचीन और सर्वश्रेष्ठ होने के कारण कानूनों का मूल स्रोत हिन्दू धर्म होना चाहिए ।

श्री. संजय शर्मा, गोरक्षक, धुळे, महाराष्ट्र

श्री. संजय शर्मा

हिन्दुओं को कानून की जानकारी नहीं है, वह देनी चाहिए । खुलेआम गोहत्या की जाती है । पुलिस गोतस्करों की सहायता करने के स्थान पर उनकी सहायता करती है । गोहत्या करनेवालों की संपत्ति जब्त होनी चाहिए । गोतस्करों पर मामूली कार्यवाही नहीं, अपितु कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ।

श्री. नरेंद्र सुर्वे, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. नरेंद्र सुर्वे

बहुसंख्यक हिन्दुओं के भारत में हिन्दुओं को यथोचित स्थान नहीं दिया जाता । सर्वाेच्च न्यायालय ने विवाहबाह्य संबंधों और समलैंगिकता को अनुमति दी है । इससे भारत के उच्च सांस्कृतिक मूल्यों पर आघात हुए हैं ।

श्री. अलोक तिवारी, हिन्दुत्वनिष्ठ, प्रतापगढ

आज के समय में संविधान के विषय में कुछ ज्ञात नहीं होता; इसलिए सरल भाषा में संविधान सिखाया जाए । हिन्दू समाज पर आघात करनेवालों पर दंडनीय कार्यवाही होनी चाहिए ।

श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल, लष्कर-ए-हिंद, जिला पालघर

श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल

गुरुकुल शिक्षा मंडल की स्थापना की जाए, साथ ही अधिकाधिक गोरक्षकों को पशुकल्याण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाए । इसके साथ ही उत्तरप्रदेश राज्य में धर्मांतरणविरोधी कानून बनाया गया है । उसी आधार पर केंद्र सरकार संपूर्ण देश के लिए उसी प्रकार से कानून बनाकर उसे लागू किया जाना चाहिए ।

अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर

कानून सभी के लिए समान है, तो उसका लाभ कैसे उठाया जाना चाहिए, इस पर हिन्दुओं को विचार करना चाहिए । जनप्रतिनिधि के चुनकर आने पर उसके कार्यकाल में उसकी संपत्ति दोगुनी हो जाती है । ऐसे जनप्रतिनिधियों की जानकारी रिश्वतखोरी प्रतिबंधक विभाग को दी जानी चाहिए । हिन्दुओं को लोकतंत्र की त्रुटियां दिखा देनी चाहिए ।

श्री. विनोदकुमार सर्वाेदय, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

श्री. विनोदकुमार सर्वाेदय

अल्पसंख्यक आयोग का अस्वीकार कर उसके माध्यम से मुसलमानों का किया जानेवाला तुष्टीकरण रोका जाना चाहिए । राजनीतिक दलों में भी अल्पसंख्यकों का सशक्तिकरण हो रहा है, उसे रोका जाए ।

श्री. राहुल कौल, पनून कश्मीर (हमारा कश्मीर)

श्री. राहुल कौल

विगत ३२ वर्षाें से कश्मीरी हिन्दू अपने पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं । उनकी भांति अन्य किसी पर भी विस्थापित होने की स्थिति न आए, इसके लिए कानून बनाया जाए ।

श्री. अनिर्बान नियोगी, महासचिव, ‘सलकिया भारतीय साधक समाज’, हावडा (बंगाल)

श्री. अनिर्बान नियोगी

भारतीय पद्धति को अपेक्षित न्यायव्यवस्था बननी चाहिए । भारतीय शासनव्यवस्था में सुधार लाने हेतु शिक्षा विभागप्रमुख और शिक्षाधिकारी का वेद एवं संस्कृत में निपुण होना चाहिए ।

श्री. रमेश शिंदे, उपसभापति, हिन्दू राष्ट्र संसद

श्री. रमेश शिंदे

जनप्रतिनिधि जिस चुनावक्षेत्र से चुनकर आते हैं, उस चुनावक्षेत्र के नागरिकों द्वारा उनके कार्य का मूल्यमापन किया जाए । संविधान की रचना भारतीय संस्कृति के अनुसार हो । गुरुकुल शिक्षामंडल का गठन हो, शिक्षा विभागप्रमुख वेद और संस्कृत भाषा में प्रवीण होना चाहिए ।

श्री. शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वाेत्तर भारत राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. शंभू गवारे

हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता को कारागृह में डाले जाने पर उसके परिवार को अनेक संघर्षाें का सामना करना पडता है । उनके बच्चों के भविष्य का विचार नहीं किया जाता, उसके कारण उसके परिवार को आवश्यक सहायता नहीं मिलती । इसके विपरीत धर्मांधों को कारागृह में जाना पडे, तो उनके प्रति राज्यकर्ताओं सहित सभी स्तरों पर सहानुभूति दिखाने का प्रयास होता है; इसलिए हिन्दुओं को भी उनके कार्यकर्ताओं पर हो रही अनावश्यक कार्यवाही टालने हेतु दबावसमूह तैयार करना चाहिए ।