राष्ट्रीय स्तर पर धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए कानून सहित संविधान में सुधार की आवश्यकता ! – श्री. एम्. नागेश्वर राव, भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक, केंद्रीय अपराध अन्वेषण यंत्रणा
गोवा में धर्मपरिवर्तन बंदी कानून बनाने के लिए शीघ्रता से कदम उठाने की मांग !
रामनाथी (गोवा), १४ जून (वार्ता.) – आज देश में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन कर, उन्हें ईसाई अथवा मुसलमान बनाया जा रहा है । अनेक राज्यों में भले ही धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून हो, तब भी प्रतिदिन भारी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन कर भारत को तोडने का षड्यंत्र हो रहा है ।
धर्मपरिवर्तन की समस्या देशव्यापी होने से संविधान के अनुच्छेद २५ में सुधार कर उसमें से ‘धर्म का प्रचार करना’ (Propagate Religion), यह शब्द हटाना चाहिए । उसके साथ ही गोवा सरकार द्वारा विधानसभा में इस संदर्भ में प्रस्ताव पारित कर केंद्रसरकार को भेजना चाहिए, तब ही अवैध धर्मपरिवर्तन पर संपूर्ण प्रतिबंध लगेगा । अपने धर्म का पालन करने में कोई रोक-टोक नहीं; परंतु अन्यों को धोखा देकर, बलपूर्वक अथवा उनकी लाचारी का अपलाभ लेकर किए जानेवाले धर्मपरिवर्तन पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ऐसी मांग केंद्रीय अपराध अन्वेषण यंत्रणा के भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक श्री. एम्. नागेश्वर राव ने की । वे दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’के तृतीय दिवस फोंडा, गोवा के ‘श्री रामनाथ देवस्थान’के विद्याधिराज सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे ।
इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, ईसाई पंथ का परित्याग कर हिन्दू बनी तेलंगाना की श्रीमती एस्थर धनराज, छत्तीसगढ में लाखों हिन्दुओं की घरवापसी करनेवाले भाजप के प्रदेशमंत्री श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव एवं नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के जिलाध्यक्ष श्री. शंकर खरेल उपस्थित थे ।
धर्माचरण करने पर कोई भी धर्मपरिवर्तन नहीं कर पाएगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे
धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए हिन्दुओं में धर्मजागृति कर उन्हें धर्मशिक्षा देनी चाहिए । धर्मशिक्षा लेकर धर्माचरण प्रारंभ करने पर कोई भी धर्मपरिवर्तन नहीं कर पाएगा । गोवा के मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत ने धर्मांतरबंदी कानून लागू करने की घोषणा की है । उनका हम स्वागत करते हैं । गोवा में डॉम्निक एवं अन्य ईसाई प्रचारकों द्वारा जो धर्मपरिवर्तन हो रहा है, उसे रोकने के लिए गोवा में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून लागू करने के साथ ही संविधान में भी परिवर्तन करना चाहिए ।
धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए प्रत्येक ग्रामपंचायत में धर्म समिति स्थापित होनी चाहिए ! – श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव, प्रदेशमंत्री, छत्तीसगड, भाजपा
हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करनेवाली विदेशी शक्तियों के पास भरपूर पैसा और संसाधन हैं । मेरे पिता ने लाखों हिन्दुओं की और मैंने १५ सहस्र हिन्दुओं की घरवापसी की है; परंतु ऐसा करते समय हम पर मिशनरियों एवं नक्षलवादियों ने प्राणघातक आक्रमण किए । धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए प्रत्येक ग्रामपंचायत में धर्म समिति स्थापित कर धर्मसेना खडी करनी चाहिए । उससे अच्छा लाभ हुआ है ।
नेपाल के श्री. शंकर खरेल बोले, ‘‘नेपाल में ३ करोड की लोकसंख्या के देश में ३० लाख लोग धर्मांतरित हुए हैं । यह चिंताजनक है । यह धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए निर्धनता, शिक्षा एवं अन्य मूलभूत बातों पर काम करने की आवश्यकता है ।’’ तेलंगाना की एस्थर धनराज ने कहा, ‘‘मैं स्वयं ईसाई थी । अमेरिका जाने के पश्चात बायबल का अभ्यास करने पर ध्यान में आया कि उसमें तर्कशास्त्र नहीं है । फिर भारत आने पर मिशनरियों द्वारा धर्मपरिवर्तन हेतु रचे जा रहे षड्यंत्रों को देखकर, मैंने उसके विरोध में जागृति करना आरंभ किया । इसके साथ ही अब धर्मांतरित हिन्दुओं को पुन: हिन्दू धर्म में लाने एवं युवकों को समुपदेशन करने का काम कर रही हूं ।’’
पत्रकार परिषद प्रश्नोत्तर
१. पत्रकारों के प्रश्न का उत्तर देते समय सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे बोले, ‘‘भारत में यदि सर्वधर्मसमभाव अर्थात सर्व धर्म समान हैं, तो ‘धर्मपरिवर्तन’ करने हेतु भारत में अनुमति क्यों ? स्वतंत्रता के उपरांत पूर्वोत्तर राज्यों में भारी मात्रा में धर्मपरिवर्तन हुआ । इसके लिए शासन से अनुमति कैसे मिल गई ?
२. भारतीय व्यवस्था की अनेक व्यवस्थाएं इस शब्दछल में फंस गईं हैं । इसलिए न्यायव्यवस्था के साथ-साथ अनेक व्यवस्थाओं से अपेक्षित न्याय नहीं मिलता । हिन्दू राष्ट्र में अयोग्य कृति करनेवालों को कठोर दंड दिया जाएगा ।’’