काशी में ज्ञानवापी मस्जिद का अभियोग लडनेवाले पू. अधिवक्ता हरि शंकर जैनजी और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का श्री मंगेश देवस्थान और गोमंतक के अन्य प्रमुख मंदिरों द्वारा सम्मान !
रामनाथी, १२ जून (वार्ता.) : काशी विश्वनाथ मंदिर से अतिक्रमण हटाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद के विरुद्ध सफल न्यायालयीन लडाई के लिए गोमंतक के विभिन्न मंदिरों द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी और उनके बेटे, ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में १२ जून को प्रथम दिवस पर विशेष सत्कार किया गया । इसमें श्री मंगेशी देवस्थान के अध्यक्ष डॉ. अजय कंटक और सचिव श्री. अरुण नाडकर्णी, श्री कमलेश्वर मंदिर के अध्यक्ष श्री. गुरुनाथ प्रभु और सचिव श्री. कृष्ण गावडे, श्री. जयेश कामत-बांबोळकर, श्री मुरुगन देवस्थान के अध्यक्ष श्री. मारुति अय्यर एवं गोमंतक मंदिर महासंघ के अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत (भाई) पंडित और सचिव श्री जयेश थळी ने पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन को पुष्पहार, शॉल, नारियल और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भेंट देकर सम्मानित किया । इस समय उपस्थित अन्य धर्माभिमानी भी भावविभोर हो गए । विविध देवताओं का जयघोष कर धर्माभिमानियों ने भी जैन पिता-पुत्र का गौरव किया ।
इस अवसर पर मंगेशी देवस्थान के डॉ. अजय कंटक ने कहा, ‘‘काशी के श्री विश्वनाथ मंदिर में पूजा का पहला अधिकार श्री मंगेशी देवस्थान के महाजन का है। प्रति वर्ष काशी के श्री विश्वनाथ मंदिर से श्री मंगेशी को गंगाजल भेजा जाता है। हम उस जल से गोवा में श्री मंगेश देवस्थान के गर्भगृह को शुद्ध करते हैं । मैं स्वयं पिछले कई वर्षों से नियमित काशी दर्शन के लिए जाता हूं ।”