न्यायालय ने मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित मांग की याचिका स्वीकार कर ली है !
मथुरा – वाराणसी, यहां के न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के उपरांत मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद का भी सर्वेक्षण एवं चित्रीकरण की मांग से संबंधित याचिका प्रविष्ट की गई थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर ली है । इस पर १ जुलाई २०२२ को सुनवाई होनेवाली है । इस मांग के लिए सर्वश्री मनीष यादव, महेन्द्र प्रताप सिंह, और दिनेश शर्मा ने विभिन्न याचिकाएं प्रविष्ट की थीं । इन सभी याचिकाओं को स्वीकार कर न्यायालय ने १ जुलाई को सुनवाई रखी है ।
Plea in Mathura court for official spot inspection of Shahi Eidgah mosque @hemendraHT https://t.co/il4DzJu7of
— Hindustan Times (@HindustanTimes) May 9, 2022
१. याचिकाकर्ता मनीष यादव के अधिवक्ता देवकीनन्दन शर्मा ने कहा कि मुसलमान पक्ष द्वारा ईदगाह के अंदर का शिलालेख हटाने की आशंका है । यहां के सभी चिन्ह (निशान) नष्ट किए जा सकते हैं । इसलिए दोनों पक्षों कि उपस्थिति में यहां का चित्रीकरण हो और सभी गवाह एकत्रित किए जाएं ।
२. दूसरे याचिकाकर्ता श्री. महेन्द्र सिंह ने कहा कि इसके पूर्व उन्होंने २४ फरवरी २०२१ को याचिका प्रविष्ट करके चित्रीकरण और न्यायालय आयुक्त की नियुक्ति की मांग की थी, परंतु उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका । इसलिए ९ मई २०२२ को पुनः याचिका प्रविष्ट की है ।
३. शाही ईदगाह मस्जिद के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि हिन्दू पक्ष गत २ वर्षों से विभिन्न प्रकार की याचिकाएं प्रविष्ट करते हैं, उन्हें इसमें क्या बताना है, यह उन्हें स्वत: भी ज्ञात नहीं है । मथुरा के ये दोनों धर्मस्थल एक दूसरे से भिन्न हैं । इसलिए उसका चित्रीकरण करने की आवश्यकता ही नहीं है ।
४. इसके पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के संदर्भ में सभी याचिकाएं आनेवाले ४ महीने में पूर्ण करने का निर्णय दिया है ।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ऊपर की मस्जिद हटाने की मांग पर १९ मई को निर्णय आएगा !
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि की १३-३७ एकड भूमि पर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद हटाकर उसे कहीं और स्थलांतरित करने की मांग की याचिका प्रविष्ट की है । ६ मई को ही इस याचिका पर सुनवाई पूर्ण हुई है । इस पर १९ मई को निर्णय आनेवाला है । इस याचिका में कहा गया है कि इस भूमि के परिसर में वर्ष १६६९-७० में तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश से श्रीकृष्ण मंदिर गिराकर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया है ।