भारत-पाक सीमापर २०० आतंकवादी घुसने के प्रयास में ! – लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी
उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) – भारत पाक सीमा पर २०० आतंकवादी जमा होकर वे भारत में घुसने के प्रयास में हैं । सीमा पर ६ बडी और २९ छोटी आतंकवादी छावनियां हैं, ऐसी जानकारी भारतीय सेना के उत्तर भाग के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दी । वे यहां हुए दो दिवसीय ‘नॉर्थ टेक सिम्पोजियम सेमिनार’ में बोल रहे थे । ऐसा होने पर भी भारतीय सेना पूर्णरुप से सतर्क है, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया ।
Around 200 terrorists are waiting across the border to infiltrate into Jammu and Kashmir, Northern Army Commander Lt Gen Upendra Dwivedi said. #JammuAndKashmir | @sunilJbhat https://t.co/XXUUKhHwG1
— IndiaToday (@IndiaToday) May 7, 2022
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने आगे कहा,
१. इस वर्ष २१ आतंकवादियों को मारा गया है ।
२. पिछले वर्ष पाक की ओर से ३ बार शस्त्रसंधि का उल्लंघन किया गया ।
३. सीमा पर आतंकवादियों की गतिविधि चालू है और इसमें पाक की सेना और उसकी गुप्तचर संस्था के हाथ होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता ।
४. कट्टरतावाद पर चिंता व्यक्त करते समय उन्होंने कहा कि, कट्टरतावादी युवकों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
५. धारा ३७० रद्द होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में बडा बदलाव दिख रहा है । सेना की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है । ४८ सद्भावना विद्यालयों से १५ सहस्र से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं ।
GoC-in-C @NorthernComd_IA Lt. Gen. Upendra Dwivedi has said that even as infiltration is drastically down, yet currently there are 200 terrorists sitting across border ready to be launched into #JammuAndKashmir. @DDNewslive pic.twitter.com/uKIJ4geMYl
— DD NEWS JAMMU (@ddnews_jammu) May 6, 2022
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सैनिकों की नियुक्ति !अमरनाथ यात्रा पर लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि, ऑपरेशन ‘शिवा’ के अंतर्गत नियम बनाए गए हैं । वर्ष २०१९ की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या दोगुनी हो सकती है । यात्रा के समय कोई भी आतंकवादी घटना न हो, इसके लिए अतिरिक्त सैनिकों की नियुक्ति करेंगे |
सम्पादकीय भूमिकाभारत और कितने वर्ष जिहादी आतंकवाद सहन करेगा ? जिहाद के प्रायोजक पाक को समाप्त करना, यही इस समस्या का हमेशा के लिए उपाय है, यह स्वतंत्रता के उपरान्त सभी शासनकर्ताओं के ध्यान में न आना लज्जास्पद ! |