जम्मू और कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन !
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श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) – जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन के लिए नियुक्त परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है । तदनुसार, राज्य में मतदार संघों की कुल संख्या को बढाकर ७ करने का प्रस्ताव है । जम्मू-कश्मीर में विधानसभा मतदार संघों की संख्या ८३ से बढकर ९० हो जाएगी । बढे हुए ७ मतदार संघों में से ६ जम्मू में और १ कश्मीर में होगा । विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं के लिए विधानसभा में २ सीटें आरक्षित करने का भी प्रस्ताव है । पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लिए २४ रिक्तियां हैं । पहले ये मतदार संघ भी खाली छोडे गए थे । अब यह रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी । इसके बाद गजट प्रकाशन होगा । इस रिपोर्ट ने अब राज्य में विधानसभा चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त किया है ।
#JammuandKashmir #delimitation panel award notified; #Kashmir to have 47 Assembly seats, #Jammu 43https://t.co/4uohzeAXkV
— The Tribune (@thetribunechd) May 6, 2022
वर्तमान में, जम्मू में विधानसभा के ३७ मतदार संघ हैं, जबकि कश्मीर में ४६ मतदार संघ हैं । इस रिपोर्ट के लागू होने के उपरांत, जम्मू में विधानसभा मतदार संघों की संख्या ४३ हो जाएगी, जबकि कश्मीर में मतदार संघों की संख्या ४७ हो जाएगी । पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए ९ मतदार संघ आरक्षित किए गए हैं । इनमें से ६ जम्मू संभाग में और ३ कश्मीर संभाग में हैं ।
पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को बुलाकर अपनी आपत्ति जताई !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान ने विधानसभा क्षेत्रों में फेरबदल के विरोध में भारत के राजदूत को बुलाया । पाक ने कहा, ‘हम पुनर्गठन रिपोर्ट को निरस्त कर रहे हैं । इस पुनर्गठन का उद्देश्य मुसलमानों को नागरिकता के अधिकार से वंचित करना और उन्हें कमजोर करना है ।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, पुनर्गठन के पीछे भारत की गुप्त योजना है । यह मुसलमानों के प्रभुत्व को कम करने का एक प्रयास है । (पाकिस्तान ने बंटवारे के बाद हिन्दुओं के साथ क्या किया और हिन्दुओं के संदर्भ में अब भी क्या चल रहा है ? भारत के मुसलमानों के संबंध में पूछने के बजाय, पाकिस्तान को चीन में मुसलमानों की स्थिति के विषय में बात करने का साहस करना चाहिए !- संपादक )
सम्पादकीय भूमिकाकश्मीर भारत का अभिन्न अंग है । इसलिए, पाकिस्तान को भारत के निर्णयों में अपनी टांग अडाने की आवश्यकता नहीं ! भारत को ऐसी चेतावनी पाकिस्तान को देनी चाहिए ! |