यदि कुछ देश इस्लामी अथवा ईसाई घोषित हो सकते हैं, तो नेपाल ‘हिन्दू राष्ट्र’ क्यों नहीं घोषित हो सकता ?
नेपाल के पर्यटनमंत्री प्रेम अले का प्रश्न
काठमांडू (नेपाल) – यदि कुछ देश इस्लामी अथवा ईसाई घोषित किए जा सकते हैं तथा वहां की लोकतंत्र व्यवस्था भी बनी रहती हो, तो नेपाल को लोकतंत्र प्रधान ‘हिन्दू राष्ट्र’ क्यों नहीं घोषित किया जाता ?, नेपाल के पर्यटनमंत्री प्रेम अले ने यहां के ‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन’ की कार्यकारिणी की दो दिनों की बैठक में ऐसा प्रश्न उपस्थित किया । इस बैठक के लिए नेपाल, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन के साथ १२ देशों के १५० प्रतिनिधि उपस्थित थे । ‘मैं नेपाल की कांग्रेस, सीपीएन-माओइस्ट सेंटर, सीपीएन-यू.एम.एल. एवं मधेसी दलों को आवाहन करता हूं कि नेपाल को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने के लिए अग्रसर हों’ । विश्व के केवल एक हिन्दू राष्ट्र नेपाल को वर्ष २००८ में ‘धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र’ घोषित किया गया ।
प्रेम अले ने आगे कहा कि यदि नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग उठी, तो मैं उनकी सहायता करूंगा । वर्तमान में ५ पार्टियों की फ्रंट सरकार को दो तिहाई बहुमत प्राप्त हैं । इसलिए नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए सरकार जनमत संग्रह करने का प्रयास कर सकती है । देश में अधिकांश जनसंख्या हिन्दू है, अत: एक जनमत संग्रह के माध्यम से नेपाल को अबतक हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जा सकता था ।