रशिया-यूक्रेन के युद्ध पर बोलनेवाले कश्मीर में हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों पर क्यों नहीं बोलते ? – प्रा. रेणुका धर बजाज, देहली विश्वविद्यालय
‘कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार की सच्चाई !’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ पद्धति से विशेष संवाद !
मुंबई – ‘द कश्मीर फाइल्स’ समाज के सामने कश्मीर के हिन्दुओं की वास्तविकता रखने के लिए ७०० कश्मीरी परिवारों के साथ बातचीत कर और ३ वर्ष अध्ययन करने के उपरांत बनाई गई है । इस फिल्म से कश्मीरी हिन्दुओं पर किए गए अत्याचार की भीषण सच्चाई भारतीयों तक पहुंचाने का काम किया गया है; परंतु किसी भी सरकार ने इस विषय में समिति का गठन कर सच्चाई खोजने का प्रयास नहीं किया । इस विषय पर प्रसारमाध्यमों में कहीं भी चर्चा होती दिखाई नहीं देती । रूस-यूक्रेन के युद्ध में वहां के लोगों पर हुए अत्याचारों के विषय में जागृति करनेवाले प्रसारमाध्यम कश्मीर के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों पर क्यों कुछ नहीं बोलते ?, ऐसा प्रश्न देहली विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका तथा राजनीतिक विश्लेषक रेणुका धर बजाज ने उठाया है । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स : कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार की सच्चाई !’ विषय पर ऑनलाइन पद्धति से आयोजित विशेष संवाद में वे बोल रही थीं । इस विशेष संवाद का सीधा प्रसारण ११ सहस्र लोगों ने देखा ।
कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार अस्वीकार करना, दोगुने नरसंहार की भांति ! – अधिवक्ता अंकुर शर्मा, अध्यक्ष, ‘जम्मू इक्कजुट्ट’
वर्ष १९४७ से भारत में हिन्दुओं का नरसंहार चल रहा है, जिसे सर्वदलीय सरकारों, प्रसारमाध्यमों और प्रशासन ने स्पष्टता से स्वीकार किया है । ‘विशेष दल’ का गठन कर कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार की जांच करने की कश्मीरी हिन्दुओं की याचिका सर्वाेच्च न्यायालय ने अस्वीकार
की । जब ‘कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार हुआ है’, यही सच्चाई अस्वीकार की जाती है, तो उन्हें न्याय कैसे मिलेगा ? इस नरसंहार को अस्वीकार करना, तो दोगुना नरसंहार करने जैसा ही है ।
कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार, एक योजनाबद्ध षड्यंत्र है ! – श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर, सनातन संस्था
कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार का एक षड्यंत्र बहुत पहले से चल रहा था, उसके लिए पैसों की आपूर्ति की गई और वहां के हिन्दुओं की सूची बनाकर उसका सर्वत्र वितरण किया गया । उस समय ‘हमें कश्मीर चाहिए, हिन्दू नहीं !’, ऐसी विज्ञप्तियां प्रकाशित की गई । तत्कालीन राज्य व केंद्र सरकार ने जानबूझकर इसकी अनदेखी की ।
कश्मीरी हिन्दुओं के साथ न्याय होने तक हिन्दू जनजागृति समिति अपना संघर्ष जारी ही रखेगी ! – मोहन गौडा, कर्नाटक राज्य प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
विगत १० वर्षाें में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाने हेतु पूरे देश में ५०० चित्रप्रदर्शनियां लगाकर, साथ ही अनेक सभाएं आयोजित कर १० लाख हिन्दुओं में जनजागरण किया है । कश्मीरी हिन्दुओं को उनके न्यायोचित अधिकार मिलने तक समिति अपना यह संघर्ष जारी ही रखेगी । (१४.३.२०२२)
अब तो हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाना चाहिए ! – अभिनेता श्री. प्रकाश बेलवाडी
३२ वर्ष पूर्व भारत के एक राज्य में हिन्दुओं के साथ क्या हुआ ?, यह भारतीयों को अभी तक यह ज्ञात नहीं हैै । वास्तव में, भारत के हिन्दुओं ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया; इसलिए अब तो हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाना चाहिए ।