गुजरात में पाठशाला के पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता का समावेश !

गुजरात की भाजपा सरकार का निर्णय !

  • गुजरात में भाजपा सरकार का अभिनंदनीय निर्णय ! हिन्दुओं को ऐसा लगता है, कि अब भाजपा के अन्य राज्यों की सरकारों तथा केंद्र सरकार को भी ऐसा निर्णय लेना चाहिए ! इसके साथ ही पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता सह वेद, उपनिषद एवं अन्य धर्मग्रंथ भी समावेश किए जाने चाहिए, धर्माभिमानी हिन्दुओं को ऐसा लग रहा है ! – संपादक 
  • अब यदि पुरो(अधो)गामी, कांग्रेसी आदि ‘शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है,’ ऐसा शोर मचाएं, तो आश्चर्य नहीं लगना चाहिए ! – संपादक

कर्णावती (गुजरात) – गुजरात सरकार ने आगामी शैक्षिक वर्ष से राज्य की पाठशाला के छात्रों को श्रीमद्भगवद्गीता पढाने का निर्णय लिया है । गुजरात राज्य विधिमंडल के अधिवेशन में शिक्षामंत्री श्री. जीतु वाघानी ने यह घोषणा की ।

वाघानी ने कहा, कि केंद्र सरकार द्वारा कुछ दिन पूर्व ही घोषित राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था के अनुसार ही ये परिवर्तन लाए गए हैं । पाठशाला की शैक्षिक व्यवस्था में भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान व्यवस्था का समावेश करनेवाले हैं और वर्ष २०२२-२३ के शैक्षिक वर्ष से यह परिवर्तन होगा । श्रीमद्भगवद्गीता के मूल्य एवं तत्त्व प्राथमिक चरण में कक्षा ६ ठी से १२ वीं तक पढाए जाएंगे । गीता के श्लोक ‘सर्वांगी शिक्षा’ पुस्तक में समाविष्ट किए जानेवाले हैं । कक्षा ९ वीं से १२ वीं तक के छात्रों को प्राथमिक भाषा में कहानी के रूप में गीता पढाई जाएगी । इसके साथ ही पाठशालाओं में प्रार्थना, श्लोकपठन, नाटक, प्रश्नमंजुषा, चित्रकला एवं वक्तृत्व स्पर्धाओं के माध्यमों से भी श्रमद्भगवद्गीता की शिक्षा दी जाएगी ।