१९९६ के चारा घोटाला के ५ वे प्रकरण मे लालूप्रसाद यादव दोषी
२१ फरवरी को दंड सुनाया जाएगा
२६ वर्षों के पश्चात यदि आरोपी को दोषी ठहराया जा रहा हो, तो क्या इसे न्याय कहा जा सकता है? – संपादक
रांची (झारखंड) – केंद्रीय अन्वेषण विभाग के (सीबीआय के) विशेष न्यायालय ने बिहार के चारा घोटाले के ५ वे प्रकरण मे, अर्थात् ‘डोरंडा ट्रेजरी’ से (डोरंडा तिजोरी से)अनधिकृत पद्धति से १३९ करोड ५० लाख रुपये निकाले जाने की घटना मे बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव को दोषी ठहराया है।इस घटना मे लालूप्रसाद यादव को कितने वर्षों की सजा होगी या उन्हे जमानत प्राप्त होगी अथवा नही? इस का निर्णय २१ फरवरी को होगा, ऐसा कहा जा रहा है। इस घटना मे अन्य २४ आरोपीयों की निर्दोष मुक्तता की गर्इ है, तो ३४ जनों को ३ वर्षों की सजा सुनार्इ गर्इ है। लालूप्रसाद यादव के साथ ४१ दोषीं को सजा दी जाएगी।
Fodder scam: RJD chief Lalu Prasad Yadav convicted of fraudulent withdrawal from Doranda treasury by a CBI Special Court in Ranchi pic.twitter.com/J9AvvhmOjk
— ANI (@ANI) February 15, 2022
चारा घोटाला के कुल ५ प्रकरणों मे लालूप्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया था। इससे पूर्व ४ प्रकरणोंका निर्णय देकर न्यायालय ने सभी प्रकरणों मे उन्हें दोषी ठहराकर सजा सुनार्इ है।अब दिया गया निर्णय ५ वे प्रकरण का है। यह घोटाला १३९ करोड ५० लाख रुपयों का है। वर्ष १९९६ मे दर्ज किए गए इस गुनाह मे १७० जन आरोपी थे। इनमे से ५५ जनों की मृत्यू हो चुकी है, तो ७ आरोपीयों को सीबीआय ने सरकारी गवाह बनाया है।