कर्नाटक यूथ कांग्रेस प्रवक्ता सुरैया अंजुम ने हिजाब परिधान करने की अपनी ही पार्टी की मांग को अयोग्य बताया !

घर में धर्म का पालन करें, शिक्षा संस्थान में न लाएं !

‘महाविद्यालय में हिजाब पहनने की अनुमति’ की मांग कर रहे कांग्रेसियों का इस विषय में क्या कहना है ? – संपादक

कर्नाटक यूथ कांग्रेस प्रवक्ता सुरैया अंजुम

बेंगलुरु (कर्नाटक) – “भारत ने सभी को धर्म का पालन करने का अवसर दिया है, किन्तु धर्माचरण घर में ही करना चाहिए । घर से बाहर निकले ने पर हम केवल एक भारतीय ही हैं, यह हमें पता होना चाहिए ।” ऐसा कर्नाटक यूथ कांग्रेस प्रवक्ता सुरैया अंजुम ने कहा, जिसका वीडियो सामाजिक माध्यम पर वायरल हो गया है । कांग्रेस महासचिव प्रियांका वाड्रा ने मुसलमान छात्राओं को महाविद्यालयों में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग का समर्थन किया है । इस पृष्ठभूमि में अंजुम का  वक्तव्य महत्वपूर्ण हो जाता है ।

सुरैया अंजुम द्वारा प्रस्तुत सूत्र :

१. संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग हो रहा है !

हिजाब मेरा अधिकार है । हिजाब मेरे धर्म का प्रतीक है । देश ने मुझे अपने अधिकार का प्रयोग करने की स्वतंत्रता दी है, किन्तु हम अपने संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं ।

२.  देश धर्म से बडा है !

शिक्षण संस्थानों में धर्म की अवधारणा के विरोध में छात्रों में देश के प्रति गौरव की कमी मुख्य कारण है । शिक्षा से बडा कोई धर्म नहीं है । मेरा देश धर्म से बडा है ।

३. छात्रों को विद्यालय का पहनावा ही परिधान करना चाहिए !

छात्राएं इस समय हिजाब पहनने का हट कर रही हैं । स्कूल के कार्यकारी मंडल ने कभी नहीं कहा, “बुर्का या हिजाब मत पहनो ।” किन्तु, ‘कक्षा में हिजाब मत पहनो’ ऐसा कहा जाता है । ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई वर्षों पूर्व से भारतीय शिक्षण संस्थानों में पहनावे का प्रारंभ किया गया है । ‘पहनावा ‘ शब्द का भावार्थ है ‘हम सब समान हैं’ ; इसलिए, छात्रों को पहनावा पहनना चाहिए ।

४.  शिक्षण संस्थानों में धर्म लाना बडी भूल !

हम पढने आए हैं, किन्तु राजनीति से प्रेरित हैं और धर्म के रक्षा की बात कर रहे हैं । यह आगामी १० वर्षों  में देश के लिए घातक सिद्ध होने वाला है । आज के छात्र देश का भविष्य हैं । हम धर्म के नाम पर देश का भविष्य बिगाड रहे हैं । हिजाब पहने और धर्म का अभ्यास करें ; किन्तु, धर्म को शिक्षा में लाना बहुत बडी भूल है ।

५. यदि हिजाब ही परिधान करना है, तो इस्लामिक मदरसे में जाइए ! वर्तमान में, शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य है । यदि यहां अनुमति नहीं है तो हिजाब उतार दें । यदि आपको लगता है, कि धर्म महत्वपूर्ण है, तो आपके पास इस्लामिक शिक्षा लेने का पर्याय उपलब्ध है । अनेक इस्लामिक संस्थाएं है, जहां हिजाब की अनुमति है । आपको वहां जाना चाहिए ।

६. चूडियां और कुमकुम आभूषण हैं और इनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है !

यह आरोप लगाते हुए, कि ‘हिन्दू छात्राएं चूडियां और कुमकुम पहनती हैं ; किन्तु, उनका धर्म से कोई संबंध नहीं है । वे अलंकार हैं ।

७. कल ५ बार नमाज पढने की मांग होगी !

हिजाब और भगवा हटाने के लिए आज प्रदर्शन हो रहे हैं । कल ५ बार नमाज पढने की अनुमति की मांग में विरोध प्रदर्शन होंगे । इस तरह मांग बढती रहेगी, घटेगी नहीं । कृपया शिक्षा में समानता का सम्मान करें ।