(कहते हैं) ‘श्री सरस्वती देवी सभी को ज्ञान देती हैं, वह भेद नहीं करतीं !’ – काँग्रेस नेता राहुल गांधी

कर्नाटक के महाविद्यालय में ‘हिजाब’ का मामला

  • बसंत पंचमी के समय मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला में श्री सरस्वती देवी की पूजा करने की अनुमति काँग्रेस सरकार की ओर से नहीं दी जाती थी, तब राहुल गांधी को देवी की याद क्यों नहीं आती थी ? – संपादक
  • मुसलमानों का पक्ष लेते समय सुविधानुसार राहुल गांधी को हिन्दुओं के देवताओं की याद आती है, यह ध्यान में लें – संपादक
  • पंजाब में हिन्दू नेता की बजाय सिख नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के प्रयास में रहने वाली काँग्रेस धर्म के आधार पर भेद करती हैं, इस विषय में राहुल गांधी मुंह क्यों नहीं खोलते ? – संपादक
काँग्रेस नेता राहुल गांधी

नई दिल्ली – ‘छात्राओें का हिजाब उनकी शिक्षा की आड में लाकर हम भारत की लडकियों का भविष्य खराब कर रहे हैं । श्री सरस्वती देवी सभी को ज्ञान देती है, वह भेद नहीं करती’, ऐसा ट्वीट कर काँग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के सरकारी महाविद्यालयों में मुसलमान छात्राओं को हिजाब पहनकर शिक्षा देने का समर्थन किया है । कर्नाटक के उडुपी, कुंदापुर के सरकारी महाविद्यालयों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया है । हिन्दू विद्यार्थियों ने कहा कि ‘हमें भगवा दुपट्टा पहनकर आने की अनुमति देनी चाहिए’, ऐसी मांग की है । कुछ महाविद्यालयों में विद्यार्थी भगवा दुपट्टा पहनकर भी आ रहे हैं ।

कर्नाटक के काँग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि, यह मामला अर्थात् इन लडकियों को शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास है । (मुसलमानों की चमचागीरी के लिए विद्यालय और महाविद्यालयों के अनुशासन को ताक पर रखने की मांग का समर्थन करने वाले काँग्रेसी नेता ! – संपादक)

(कहते हैं) ‘छोटे कपडे पहनने वाली और हिजाब पहनने वाली लडकियों पर प्रतिबंध लगाने वालों को कौन सी संस्कृति अभिप्रेत है ?’ – जितेंद्र आव्हाड

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी काँग्रेस के नेता जितेंद्र आव्हाड

विद्यालयों और महाविद्यालयों में गणवेश पहनकर जाना अपेक्षित होता है । ऐसा ना करते हुए धार्मिक वेशभूषा में यदि सभी जाने लगे, तो यह विद्यालय का अनुशासन तोडना है, यह जितेंद्र आव्हाड को ज्ञात नहीं, ऐसा कैसे कह सकते हैं ?

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी काँग्रेस के नेता जितेंद्र आव्हाड ने, ‘छोटे कपडे पहने हुई या ‘फैशनेबल’ फटी जीन्स पहनने वाली लडकियां उन्हें नहीं चलतीं । छोटे कपडे पहनने वाली, सिर पर हिजाब लेने वाली लडकियों को ये महाविद्यालयों में प्रतिबंधित करते हैं । इनको अभिप्रेत संस्कृति आखिर क्या है ?’, ऐसा प्रश्न पूछा है । भाजपा कहती है ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’; लेकिन यदि वह मुसलमान है, तो बेटी हटाओ’, ऐसी टिप्पणी भी उन्होंने की ।