पहले स्तर पर ६१५ उम्मीदवारों में से आधे उम्मीदवारों पर गुनाहों की प्रविष्टि !

उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव

  • जिन पर गुनाह प्रविष्ट होता है उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलती; लेकिन जिन पर गुनाह प्रविष्ट है ,वे चुनाव लड सकते हैं, चुनाव जीतकर कानून बनवा सकते हैं, मंत्री हो सकते हैं, तथा पुलिस को उन्हे ‘सेल्यूट’ (सलामी) करनी पडती है, यह भारतीय लोकतंत्र की त्रासदी ही कही जाएगी ! – संपादक
  • गुनाह प्रविष्ट होने वालों को उम्मीदवारी देने वाले राजनीतिक पक्ष और उन्हें मतदान करने वाली जनता लोकतंत्र के लायक है क्या ? – संपादक
प्रातिनिधिक छायाचित्र

लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले स्तर में सभी राजनीतिक पार्टियों ने गुनहगारों को उम्मीदवार बनाया है । समाजवादी पार्टी के ७५ प्रतिशत, राष्ट्रीय लोकदल के ५९ प्रतिशत, तो भाजपा के ५१ प्रतिशत उम्मीदवारों के विरोध में गुनाह प्रविष्ट हैं । काँग्रेस ने ३६ प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी ने (बसपा ने) ३४, तो ‘आप’ ने १५ प्रतिशत गुनहगार लोगों को उम्मीदवारी दी है । ‘द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ए.डी.आर.) संस्था की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है ।

१. पहले स्तर में पश्चिमी उत्तरप्रदेश के ११ जिलों के ५८ निर्वाचन क्षेत्रों में १० फरवरी को मतदान होने वाला है । इसके लिए विविध पार्टियों के ६१५ उम्मीदवार मैदान में है । इसमें २५ प्रतिशत उम्मीदवार गंभीर और २० प्रतिशत उम्मीदवारों के विरोध में बहुत गंभीर स्वरुप के गुनाह प्रविष्ट हैं । इसमें हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, फिरौती आदि गुनाहों का समावेश है ।

२. बलात्कार और अन्य अत्याचारों के गुनाह प्रविष्ट ऐसे १२ लोगों का समावेश है । गंभीर गुनाह प्रविष्ट लोगों में समाजवादी पार्टी के १७, लोकदल के १५, भाजपा के २२, काँग्रेस के ११, बसपा के ११ और ‘आप’ के ५ उम्मीदवारों का समावेश है ।

३. कुल ६१५ में से २८० उम्मीदवार करोडपति हैं । १६३ लोगों ने उनके पास ५० लाख से २ करोड रुपए की संपत्ति होने का प्रतिज्ञापत्र में घोषित किया है । ८४ लोगों के पास २ से ४ करोड रुपए की संपत्ति है । लगभग प्रत्येक उम्मीदवार के पास पौने चार करोड की संपत्ति है । मेरठ कैन्टोनमेंट से भाजपा के अमित मालवीय  सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनकी घोषित संपत्ति १४८ करोड है ।