बेंगलुरु के “क्रांतिकारी संगोळ्ळी रायण्णा” रेलवे स्थानक पर कट्टरपंथियों द्वारा अनाधिकृत पूजा स्थल का निर्माण !

हिन्दू समर्थक संगठनों द्वारा अनाधिकृत पूजा स्थल की अनुमति देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग !

  • अनाधिकृत पूजा स्थलों की अनुमति देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करनी पडती है ; यह लज्जास्पद है ! – संपादक
  • क्या किसी रेलवे स्थानक के आसपास हिन्दुओं द्वारा पूजा स्थल का निर्माण किया गया हो, इसका कोई उदाहरण है ? क्या रेल प्रशासन हिन्दुओं को ऐसा करने देगा ?  – संपादक
  • केंद्र में बीजेपी की सरकार होते हुए, केंद्र के प्रशासनिक नियंत्रण में होनेवाले उद्यमों की भूमि पर कोई अनाधिकृत पूजा स्थल स्थापित कर सकता है ; ऐसी अपेक्षा हिन्दू नहीं करते !  – संपादक

बेंगलुरू (कर्नाटक) – यह प्रकाश में आया है, कि यहां दक्षिण-पश्चिम रेलवे के “क्रांतिकारी संगोळ्ळी रायण्णा” रेलवे स्थानक के प्लेटफॉर्म क्रमांक ५ पर कुलियों के विश्राम कक्ष को प्रार्थना स्थल में परिवर्तित कर दिया गया है । इसका हिन्दू समर्थक संगठनों ने विरोध किया है । इस संबंध में बजरंग दल, राष्ट्र रक्षणा पडे (राष्ट्र रक्षा दल), हिन्दू महासभा, विश्व हिन्दू परिषद और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से रेलवे स्थानक के कार्यकारी अधिकारियों को निवेदन दिया गया । उसमें सूचित किया है, कि बेंगलुरू रेलवे स्थानक के बाहर कई मस्जिदें होने के उपरांत भी रेलवे स्थानक के प्लेटफॉर्म पर नमाज अदा करने का यह षड्यंत्र है । इसे आज प्रार्थना स्थल बनाकर, कल मस्जिद में परिवर्तित किए जाने की संभावना है, इसलिए अनाधिकृत प्रार्थना स्थल की अनुमति देने वालों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जाए । यदि ऐसा नहीं किया गया, तो तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है ।

रेलवे स्थानक के प्लेटफॉर्म पर अन्य धर्मों के पूजा स्थलों को अनुमति देना कितना उचित है ? – श्री. मोहन गौडा, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. मोहन गौडा

हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा, कि वर्तमान में बेंगलुरू, आतंकियों का अड्डा बन गया है । २०१८ में, मूल रूप से बंगाल के एक आतंकवादी आदिल असदुल्लाह को राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा बैंगलोर छावनी स्टेशन से बंदी बनाया गया था । केंद्रीय अन्वेषण विभाग ने वर्ष २०१९ में मोहम्मद अक्रम नाम के आतंकी को मैजेस्टिक परिसर से पकडा था । बांग्लादेश के जमात-उल-मुजाहिदीन संगठन का एक सदस्य, जो मूल रूप से बेंगलुरु की कॉटनपेटे मस्जिद में ठहरा हुआ था, को पुलिस ने २०२० में बंदी बनाया था । ऐसा होते हुए, किसी रेलवे स्थानक के प्लेटफार्म पर, किसी धर्म के प्रार्थना स्थल को अनुमति देना कितना उचित है ? अनाधिकृत रूप से प्रार्थना स्थल का निर्माण करने की अनुमति देने वालों के विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए और वहां प्रार्थना-अर्चना की अनुमति न दी जाए । इस पर तत्काल रोक लगाने का परामर्श दिया है ।