हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में ‘मकर संक्रांति’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ प्रवचन संपन्न !
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ‘मकर संक्रांति’ त्योहार का धर्मशास्त्र समाज तक पहुंचे; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा एक ‘ऑनलाइन’ प्रवचन का आयोजन किया गया था । इस प्रवचन में उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के जिज्ञासुओं से उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ । समिति की श्रीमती सानिका सिंह ने जिज्ञासुओं को मकर संक्रांति का शास्त्र बताया, साथ ही श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी ने समिति के कार्य की जानकारी दी तथा श्री. संजय सिंह ने सनातन संस्था के आश्रम की विशेषताएं बताईं ।
मकर संक्रांति के अवसर पर उत्तर प्रदेश के चंदौसी में राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी
चंदौसी (उत्तर प्रदेश) – यहां दिनांक १६ जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने मकर संक्राति निमित्त कार्यक्रम का आयोजन किया था । इसमें सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी का लाभ अनेक जिज्ञासु ने लिया । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. बृजेश कुमार सिंह ने संस्था के कार्य की सराहना की और आगे भी उनके कार्यक्रम में संस्था को प्रदर्शनी लगाने का निमंत्रण दिया ।
झारखंड, बंगाल तथा पूर्वाेत्तर भारत के राज्यों में मकर संक्राति के अवसर पर ‘ऑनलाइन विशेष सत्संग एवं सामूहिक नामजप’ का आयोजन
झारखंड – इस सत्संग में वर्तमान कोरोना के बढते हुए संक्रमण की स्थिति में मकर संक्राति कैसे मनाए, इस दिन का क्या महत्व है एवं मनाने की उचित पद्धति क्या है ? मकर संक्रांति के दिन कुछ स्थानों पर काले वस्त्र धारण करने की मान्यता है, इसका शास्त्र क्या है, आदि से संबंधित जानकारी दी गयी । साथ ही, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का सामूहिक नामजप किया गया ।
इस विशेष सत्संग का लाभ झारखंड, बंगाल तथा पूर्वाेत्तर भारत के अनेक जिज्ञासुओं ने लिया । जिज्ञासुओं की शंकाओं का समाधान किया गया ।
फरीदाबाद में मकर संक्रांति के अवसर पर ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया
फरीदाबाद (हरियाणा) – यहां पर मकर संक्राति के अवसर पर ‘ऑनलाइन’ प्रवचन का आयोजन किया था । इस प्रवचन में मकर संक्राति का महत्त्व, वह आध्यात्मिक स्तर पर कैसे मनाना चाहिए, इस दिन दान का महत्त्व क्या है, इन विषयों पर सनातन संस्था के साधक श्री. अरविन्द गुप्ता ने मार्गदर्शन किया । सूत्रसंचालन कु. अनीता राणा ने किया । ये प्रवचन ‘गूगल मीट’ व ‘यूट्यूब’ के माध्यम से हुआ । इसका लाभ अनेक जिज्ञासुओं ने लिया ।