यदि आप अपने नवजात शिशु और पत्नी से मिलना चाहते हैं, तो ईसाई धर्म स्वीकार करें !

हिन्दू पति पर ससुर और संबंधियों ने धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का अपराध किया !

  • धर्मनिरपेक्षता और अंतर्धार्मिक सद्भावना का पालन केवल हिन्दू करते हैं, किन्तु अन्य धर्मावलंबी अपने धर्म का प्रचार करने को एवं हिन्दुओं को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य करने के लिए स्वतंत्र हैं ! यह कब रुकेगा ? – संपादक
  • हिन्दुओं को लगता है, कि जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है, तो ईसाइयों को ऐसे कृत्य करने की साहस कैसे होता है ! – संपादक
प्रतिकात्मक छायाचित्र

चित्रदुर्ग (कर्नाटक) – मारप्पा नाम के एक हिन्दू युवक ने अपने ससुर और अन्य संबंधियों के विरोध में होसदुर्गा थाने में आरोप प्रविष्ट किया है । उसने आरोप लगाया है, कि उसके ससुर और संबंधियों ने पत्नी के मायके में आकर उसके बच्चे व पत्नी से मिलने का विरोध किया । ईसाई धर्म स्वीकारने पर ही उसे मिलने दिया जाएगा । उसने ससुर वसंत कुमार, संबंधी रामचंद्रप्पा, सुधाकर, मंजूनाथ और संकप्पा के विरुद्ध ऐसा आरोप प्रविष्ट कराया है । (ध्यान दें, कि धर्म परिवर्तित ईसाई, अपना हिन्दू नाम रख कर हिन्दुओं की आंखों में धूल झोंकते हैं ! – संपादक)

मारप्पा ने अपने आरोप में कहा, “६ जुलाई २०२० को विवाह के समय, मेरी पत्नी के संबंधियों ने मुझे पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए बाध्य किया । तदुपरांत, उन्होंने घोषणा की, ‘मैं एक ईसाई बन गया ।’ इसके उपरांत  उन्होंने कहा, हमें हिन्दू देवी-देवताओं के चित्रों को फाड देना चाहिए तथा  उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए । यदि मैं उनकी पूजा करता हूं, तो मैं नरक में जाऊंगा ।” मारप्पा ने पुलिस से उसकी पत्नी और बच्चे को सुरक्षित घर में वापस लाने की अनुमति देने की मांग की है ।