वैश्विक महामारी फैलानेवाले ‘कोरोना विषाणु’ के नया प्रकार ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ से आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए यह जप करें !

सद्गुरु डॉ. मुकुल गाडगीळजी

     ‘वर्ष २०२० से विश्वभर के लोगों पर ‘कोरोना विषाणु’ का संकट है । अब २ वर्ष पूर्ण होने जा रहें हैं, परंतु अभी भी उस विषाणुओं का संसर्ग लोगों को हो ही रहा है । अब दिखाई देता है कि इसके (कोरोना का) नए प्रकार का ‘ओमिक्रॉन’ नामक विषाणु का विस्तार हो रहा है । ‘कोरोना विषाणु’ के साथ आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए कौनसा नामजप करें और वह कितनी देर करें ?’, इसकी जानकारी, एवं इस नामजप का ध्वनिमुद्रण ‘सनातन संस्था’ के ‘sanatan.org’ जालस्थल (वेबसाइट) पर, एवं ‘स्पिरिच्युअल साइन्स रिसर्च फाउंडेशन’ के ‘SSRF.org’ जालस्थल (वेबसाइट) पर दी गई । उसका लाभ विश्व के अनेक लोगों को हुआ । अब ‘ओमिक्रॉन’ विषाणु से आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए जो जप करना है, वह यहां दे रहे हैं ।

१. नामजप

     ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । श्री दुर्गादेव्यै नमः । श्री हनुमते नमः । ॐ नमः शिवाय । ॐ नमः शिवाय ।’

     यह ५ नामजपों का एक नामजप हैं और उसे यहां दिए गए क्रमसे लगातार करें ।

२. नामजप का समयावधि

अ. ‘ओमिक्रॉन’ विषाणु का संक्रमण किसी प्रदेश में हुआ हो, तो वहां के व्यक्ति उसकी बलि चढ सकते हैं । ऐसे समय में उस विषाणु का संसर्ग स्वयं में होने से आध्यात्मिक स्तर पर प्रतिबंध होने के लिए यह नामजप प्रतिदिन १ घंटा करें ।

आ. उस विषाणु का संसर्ग हुआ हो, तो उसका उच्चाटन होने हेतु यह नामजप संसर्ग होनेकी तीव्रतानुसार आगे दी गई कालावधि के लिए प्रतिदिन करें ।

३. नामजप का ध्वनिमुद्रण

     नामजप सुनकर वह बोल सकें इसलिए उसका ध्वनिमुद्रण जालस्थल के निम्नांकित पाथ पर रखा गया है : https://www.sanatan.org/mr/omicron-protection-chant

४. ‘कोरोना विषाणु’ और ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ में पाया गया अंतर

     ‘कोरोना विषाणु’ से ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ न्यून धोखादायक है, ऐसा डॉक्टर कहते हैं ।

     टिप्पणी – आपातकाल की तीव्रता बढ रही है और जैसे-जैसे अनिष्ट शक्तियों के विरुद्ध हो रही लडाई सूक्ष्म युद्ध से स्थूल युद्ध की ओर (तीसरे विश्वयुद्ध की ओर) जा रही है, वैसे-वैसे शारीरिक विकार उत्पन्न करनेवाली विषाणुरूपी अनिष्ट शक्तियां भी सूक्ष्म से स्थूल की ओर अग्रसर हो रही हैं । इस अनुसार ‘कोरोना विषाणु’ के पश्चात आनेवाला ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ भी अल्प सूक्ष्म हैं ।

५. प्रार्थना

     ‘गुरुकृपा से यहां दिए गए जप से विश्व के सभी को लाभान्वित होकर ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ का विश्वभर का प्रभाव नियंत्रित हों और उसका प्रसार रुक जाएं, एवं यह नामजप करने के निमित्त से अनेकों को इस आपातकाल में साधना करने की गंभीरता ध्यान में आए और उनके द्वारा साधना आरंभ हो, यही श्रीगुरुचरणों में प्रार्थना !’

साधकों को सूचना !

१. जिस क्षेत्र में ‘ओमिक्रॉन’ विषाणु के रुग्ण मिले हों, वहां ‘ओमिक्रॉन’ को आध्यात्मिक स्तर पर प्रतिबंधित करनेवाला नामजप करना है, इसलिए वर्तमान में ‘कोरोना’ पर प्रतिबंधात्मक आध्यात्मिक बल देनेवाला नामजप (श्री दुर्गा – श्री दत्त – शिव का एकत्रित नामजप) साधक रोक सकते हैं । जिस क्षेत्र में अभी भी ‘ओमिक्रॉन’ नहीं फैला है, वहां जिस प्रकार ‘कोरोना’ पर प्रतिबंधात्मक आध्यात्मिक बल देनेवाला नामजप जारी है, उसी प्रकार जारी रखें ।

२. ‘ओमिक्रॉन’ अथवा ‘कोरोना’ पर प्रतिबंधात्मक, आध्यात्मिक बल देनेवाला जप करने के पश्चात अन्य समय साधक जिस प्रकार प्राणशक्ति प्रणाली पद्धतिनुसार ढूंढकर नामजप करते हैं, उसी प्रकार करें ।

३. इससे पूर्व ‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ और ‘श्री निर्विचाराय नमः ।’ इन नामजपों के संदर्भ में जो सूचनाएं हैं, वे सर्वत्र के साधकों को स्पष्ट की गई हैं । उस अनुसार वह नामजप भी करना है ।

– (सद्गुरु) डॉ. मुकुल गाडगीळ, पीएच.डी., महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, गोवा. (७.१२.२०२१)

     यह नामजप ‘सनातन चैतन्यवाणी’ एप पर भी उपलब्ध है । ‘सनातन चैतन्यवाणी’ एप डाउनलोड करने के लिए https://www.sanatan.org/Chaitanyavani यह लिंक देखें ।