‘जय श्रीराम’ की घोषणा देने वाले मुसलमान युवक पर धर्मांधों द्वारा सामाजिक बहिष्कार !

अल्लाह से क्षमा याचना न करने पर पंथ से बहिष्कृत करने की धमकी !

  • सर्वधर्मसमभाव, धर्मनिरपेक्षता केवल हिन्दुओं को ही रखनी है तथा इसे बनाए रखने के लिए सभी धर्मनिरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादी हिन्दुओं को उपदेश की खुराक देते रहेंगे ; परंतु, धर्मांधों द्वारा की जा रही इस प्रकार की कट्टरतावादी गतिविधियों पर सब एकदम चुप रहेंगे ! – संपादक

  • हिन्दू, मुसलमानों को मंदिरों में नमाज पठन करने के लिए आमंत्रित करते हैं, हिन्दू इफ्तार प्रीतिभोजों का आयोजन करते हैं ; परंतु, क्या धर्मांध कभी अपनी मस्जिदों में हिन्दू भजन, कीर्तन का आयोजन करते हैं ? क्या वो कभी हिन्दू त्योहारों पर शुभकामना भी देते हैं ? इसके विपरीत, मस्जिदों से हिन्दुओं की धार्मिक शोभा यात्राओं पर पथराव करते हैं, यही वास्तविकता है ; यह ध्यान रखें ! – संपादक
अहसान

सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक बैठक में ‘जय श्रीराम’ की घोषणा देने वाले अहसान (आयु २२ वर्ष) को मुसलमानों ने सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया है । उनके परिजनों ने भी उनसे नाता तोड लिया है । अहसान को धमकी भरे फोन कॉल भी आ रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है, ‘अहसान अब अ-मुस्लिम हो गया है ।’ योगी आदित्यनाथ की यह बैठक २ दिसंबर २०२१ को हुई थी । इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे । अहसान को आ रही धमकियों के कारण उसे सशस्त्र पुलिस सुरक्षा दी गई है ।

१. अहसान ने कहा है, ‘मुझे घोषणा करने का कोई पश्चाताप नहीं है । भगवान श्रीराम हमारे पूर्वज हैं एवं हम उनके वंशज हैं ।’

२. देवबंद के मुफ्ती असद कासमी ने कहा था कि, ‘इस्लाम में इस प्रकार की घोषणाओं की अनुमति ही नहीं है । अहसान को मौलाना से मिलना चाहिए तथा अल्लाह से क्षमा याचना करनी चाहिए । अन्यथा अहसान को इस्लाम से बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।’