हिन्दू धर्म को त्यागनेवालों को पुनः धर्म में वापस लाने हेतु मठों और मंदिरों को वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए ! – भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या का आवाहन

विगत १ सहस्र वर्षाें में मुसलमान आक्रांताओं, साथ ही ईसाई और पोर्तुगीजों ने हिन्दुओं का बलपूर्वक धर्मांतरण किया । ऐसे लोगों के वंशजों को अब पुनः हिन्दू धर्म में आने की इच्छा हो, तो केंद्र सरकार को उनके लिए कानून बनाकर उन्हें हिन्दू धर्म में वापस आने के लिए सहायता और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए । इससे भारत की १ सहस्र वर्षाें की गुलामी दूर होकर भारत सचमुच स्वतंत्र बनेगा ! – संपादक

बेंगलुरू (कर्नाटक) – भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा वक्तव्य दिए जाने का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों में प्रसारित हो रहा है, उसमें तेजस्वी सूर्या को यह वक्तव्य देते हुए दिखाया गया है कि जिन लोगों के विविध कारणों से सनातन धर्म को त्यागकर अन्य पंथों में प्रवेश किया है, उन्हें हिन्दू धर्म में वापस लाने हेतु मंदिरों और मठों को वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए । इसका अन्य कोई विकल्प नहीं है और विशेष बात यह है कि हमारे यहां कोई स्वयंस्फूर्ति से धर्म में पुनर्प्रवेश करने के लिए नहीं आता । उन्होंने २५ दिसंबर को उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में यह वक्तव्य दिया था ।

तेजस्वी सूर्या ने ही इस वीडियों को ट्वीट कर लिखा है कि,

१. इस्लाम और ईसाई केवल धर्म नहीं हैं, अपितु वह एक राजनीतिक साम्राज्यवादी विचारधारा है ।

२. इन दोनों धर्माें का यह मानना है कि उनमें और हिन्दू धर्म में मूलभूत अंतर है । इन धर्माें का प्रसार तलवार के बल किया गया । उससे हिन्दुओं को उनके पैतृक धर्म से बाहर निकाला गया ।

३. इस विसंगति को दूर करने के लिए अब केवल एक ही उपाय है कि जिन्होंने उनका मातृ-पितृ धर्म त्याग दिया है; इसका अर्थ जो विविध सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारणों से हिन्दू धर्म से दूर चले गए हैं, उन्हें उनके मातृ-पितृ धर्म में वापस लाया जाना चाहिए ।

४. विदेशी आक्रांताओं द्वारा कई शतकों से शासन किए जाने के उपरांत अब भारत पुनः विश्वगुरु के रूप में पुनः खडा हो रहा है ।

तेजस्वी सूर्या ने धर्मांतरण के विषय में अपना वक्तव्य बिनाशर्त वापस लिया !

तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट करते हुए कहा है कि २ दिन पूर्व उडुपी के श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम में मैने ‘भारत में हिन्दुओं का पुनरुद्धार’ विषय पर मार्गदर्शन किया था । मेरे भाषण में अंतर्भूत कुछ वक्तव्यों के कारण खेदजनक पद्धति से विवाद खडा हुआ है; इसलिए मैं बिनाशर्त मेरा वक्तव्य वापस ले रहा हूं ।