(कहते हैं) ‘तलवार के बल पर कोई किसी का धर्मांतरण नहीं करता, अच्छे कर्मों को देखकर लोग धर्मांतरण करते हैं !’ – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का वक्तव्य 

  • क्या कोई छोटा बच्चा भी इस पर विश्वास करेगा ? केवल भारत में ही नहीं, पूरे संसार में इस्लाम केवल और केवल तलवार के बल पर ही फैला है । यह इतिहास है तथा आज भी प्रलोभन देकर, छल से धर्मांतरण किए जा रहे हैं, यह एक वास्तविकता है ! – संपादक
  • गुलाम नबी आजाद ने बताना चाहिए कि, ईसाई एवं इस्लाम पंथियों द्वारा ऐसे कौन से अच्छे कर्म किए जा रहे हैं, जिनके कारण हिन्दू धर्मीय दूसरे धर्मों को स्वीकार कर रहे हैं ! – संपादक
  • यदि आजाद ऐसा कह रहे हैं, तो ‘धर्मांतरित हिन्दुओं के पुनः हिन्दू धर्म में प्रवेश करने पर उसका विरोध क्यों किया जा रहा है ?’, यह भी उन्हें बताना चाहिए ! – संपादक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद

उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) – “जो लोगों का धर्मांतरण कर रहे हैं, वे तलवार से अथवा भय दिखाकर धर्मांतरण नहीं कर रहे हैं । किसी का अच्छा कर्म एवं उस धर्म के व्यक्ति का चरित्र दूसरों को धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करता है ।” कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता एवं जम्मू-कश्मीर के भूतपूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने उधमपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह वक्तव्य दिया है कि, “लोग बिना किसी भेदभाव के, मानवता की सेवा के लिए, एक विशेष धर्म में परिवर्तित हो जाते हैं ।” वे कर्नाटक में पारित धर्मांतरण विरोधी विधेयक की बात कर रहे थे ।

इस विधेयक का विपक्ष के सदस्यों ने विरोध किया था । विधेयक में कहा गया है कि, ‘किसी भी व्यक्ति ने असत्य वर्णन, बल, अत्यधिक दबाव, प्रलोभन अथवा अन्य किसी भी छलावे के माध्यम से, विवाह द्वारा अथवा अन्य किसी भी मार्ग द्वारा, किसी का एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण अथवा धर्मांतरण करने का प्रयास नहीं करना चाहिए एवं कोई भी षड्यंत्र नहीं करना चाहिए ।’ इससे पूर्व, गुजरात विधानसभा ने बहुमत से ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, २०२१’ पारित किया था । इसमें, विवाह के माध्यम से बलपूर्वक धर्मांतरण करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है । उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्यों ने भी इसी प्रकार के कानून पारित किए हैं ।