पुनः जम्बूद्वीप : आखिर कब मिटेंगी गोरों की खींची लाइनें (22 से 26 दिसंबर 2021 तक जम्बू टॉक्स का भव्य आयोजन)
जयपुर (राजस्थान) – धीश गोयल द्वारा संचालित जम्बू टॉक्स (Jamboo Talks) You Tube Channel एक वर्ष पूरा होने पर २२ से २६ दिसंबर २०२१ तक एक भव्य आयोजन करने जा रहा है। जो उभरती विश्व व्यवस्था में भारत की निर्णायक भूमिका और परिवर्तनशील विश्व में भारत के लिये अपेक्षित परिवर्तनों पर देश के शीर्ष विद्वानों के विचार और जानकारियां अपने श्रोताओं के सम्मुख प्रस्तुत कर रहा है। इस आयोजन का उद्घाटन २२ दिसम्बर २०२१ को दिन में 11 बजे महायोगी श्री रामदेवजी महाराज करेंगे। जिसमें वे विश्व के आगामी घटनाक्रमों का संकेत योगदृष्टि से करने के साथ ही भारत की भावी भूमिका को भी बतायेंगे और साथ ही भारतीय संस्कृति के विश्वव्यापी प्रसार के लिये अपने संकल्प की भी घोषणा करने जा रहे हैं।
५ दिन चलने वाले इस आयोजन में प्रतिदिन पांच सत्र होंगे। हर सत्र की एक अलग थीम होगी। इस प्रकार ५ दिन में कुल २५ थीम पर अधिकारी विद्वानों के वक्तव्य एवं परिचर्चायें प्रसारित होंगी। ५ दिवसीय विमर्श के इस वर्चुअल आयोजन के द्वारा सनातन धर्म तथा सनातन संस्कृति का वैचारिक अनुष्ठान होने जा रहा है।
इसमें सनातन भारत के स्वभाव एवं मर्म का उद्घाटन करने वाले विद्ववत्तापूर्ण वक्तव्य होंगे और राजनैतिक दलों तथा संचार माध्यमों की भूमिका पर भी विवेचना होगी। सेक्युलरिज्म के नाम पर खेले जा रहे संकीर्ण राजनैतिक खेल की पोल खोली जायेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था पर और भारत के उभरती महाशक्ति के रूप में स्वरूप और संभावनाओं पर गहरी विवेचना होगी। भारतीय युद्ध परंपरा पर भी चर्चा होगी और मजहबी आतंकवाद पर नियंत्रण के प्रभावी कदमों पर भी। झूठ और छल के द्वारा संपूर्ण भारत को ईसाई बनाने वाली मिशनरी गतिविधियों की भी मीमांसा कराई जायेगी और संविधान के स्वरूप एवं शक्ति तथा सीमाओं पर भी चर्चा होगी। चालू राजनैतिक पदावलियों का खोखलापन और उनमें निहित बौद्धिक दरिद्रता का भी विश्लेषण होगा। आयुर्वेद तथा मंदिरों की सांस्कृतिक आर्थिक व्यवस्था पर भी अधिकारी विद्वान प्रकाश डालेंगे। कश्मीर के साथ जो कुछ हुआ और हो रहा है उस पर भी चर्चा होगी तथा वीर सावरकर की हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी की भूमिका पर भी गंभीर विमर्श होगा। भारत पर आघात करने वाली विविध शक्तियों – नक्सल, मजहबी आवरण में आंतकवाद तथा प्रेम और सेवा के आवरण में हिन्दू धर्म से घृणा एवं विद्वेष का प्रसार करने वाली सभी शक्तियों की अलग-अलग विवेचना आपको सुनने को मिलेगी।
आयोजन में केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, राष्ट्रीय नेता श्री अरविंद मोहन, श्री कपिल मिश्रा, श्री प्रेम शुक्ल, सुश्री मीनाक्षी लेखी, डॉ. चारूदत्त पिंगले, प्रसिद्ध समाज वैज्ञानिक प्रो. कुसुमलता केडिया, प्रो. रामेश्वर प्रसाद मिश्र ‘गुरूजी’, प्रो. लालसाहब सिंह, श्री शैलेन्द्र सिंह, मेजर जनरल सुधाकर जी, श्री रतन शारदा, वैद्यराज अनिल डोगरा, श्री भरत गुप्त, श्री परीक्षित शेवडे, श्री सच्चिदानंद शेवडे, श्री रमेश शिंदे, श्री राजीव रंजन प्रसाद, श्री राजेश सिंह, श्री चेतन राजहंस, श्री आनंद जाखोटिया, श्री अनुराग सक्सेना, श्री हर्षवर्द्धन त्रिपाठी, श्री अशोक श्रीवस्तव, श्री अनुज धर, श्री ओमेन्द्र रतनू, श्री नीरज अत्रि आदि मुख्य सहभागी वक्ता होंगे। आप सभी सादर आमन्त्रित हैं।