वित्तीय दुर्व्यवहार अधिनियम का प्रयोग लोगों को कारागृह में डालने के शस्त्र के रुप में नहीं कर सकते !
उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को फटकारा !
नई दिल्ली – वित्तीय दुर्व्यवहार अधिनियम का प्रयोग लोगों को कारागृह में डालने के शस्त्र के रुप में नहीं कर सकते, ऐसे शब्दों में उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (‘ईडी’ को) फटकारा है । झारखंड की उषा मार्टिना लिमिटेड, इस कंपनी की ओर से वित्तीय दुर्व्यवहार के मामले में प्रविष्ट एक याचिका पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने यह टिप्पणी की है ।
Use PMLA Reasonably; Otherwise Act Will Lose Relevance : Supreme Court Tells Enforcement Directorate @SrishtiOjha11 https://t.co/e3FE4z7z4a
— Live Law (@LiveLawIndia) December 15, 2021
न्यायालय ने आगे कहा कि, ‘ईडी’ की ओर से वित्तीय दुर्व्यवहार कानून का अंधाधुंध प्रयोग इस कानून के महत्व पर प्रभाव डालेगा । ईडी इस कानून को कमजोर कर रहा है । यदि आप इस कानून का प्रयोग १ सहस्र रुपए और १० रुपए के दुर्व्यवहार में करने लगेंगे, तो क्या स्थिति होगी ? आप लाखों लोगों के पीछे नहीं लग सकते ।