जितेंद्र त्यागी (पूर्वाश्रम के वसीम रिजवी) पर पैगंबर और कुरान के विषय में बोलने पर प्रतिबंध लगाए ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका

भारत में अन्य समय अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दुओं के देवताओं के अपमान के समर्थन में अनेक लोग आगे आते हैं; लेकिन उनमें से कोई भी इस मामले में आगे आकर ऐसी याचिकाओं का विरोध नहीं करते हैं, यह ध्यान दें !

जितेंद्र त्यागी अर्थात पुर्वाश्रमी के वसीम रिजवी

प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) – शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी, अर्थात् पूर्वाश्रम के वसीम रिजवी को मोहम्मद पैगंबर और कुरान के विषय में कोई भी विधान करने पर प्रतिबंध लगाए, ऐसी मांग करनेवाली याचिका ‘हजरत ख्वाजा गरीब नवाज एसोशिएशन’ के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है। इसमें त्यागी को मीडिया पर बोलने से रोका जाए, ऐसी मांग की है। पहले त्यागी ने मोहम्मद पैगंबर और कुरान के विषय में विधान करने के मामले में अंसारी ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को भी पत्र लिखा है।

१. अंसारी ने आरोप लगाया है कि, त्यागी ने उनकी ‘मोहम्मद’ इस पुस्तक में ‘इस्लामी आतंकवाद’ और ‘हुसैन के बलात्कार कांड’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है, यह सामाजिक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। त्यागी एक गुनहगार वृत्ति का व्यक्ति है। उसके ऊपर विविध पुलिस थानों में २७ गुनाह प्रविष्ट हैं। उसके ऊपर ही कार्रवाई की जानी चाहिए।

२. अंसारी ने आगे कहा कि, कुरान का १ सहस्र ४०० वर्षों का इतिहास है, लेकिन इसपर अभीतक किसी ने भी प्रश्न नही उठाया है। त्यागी कोई भी धर्म नही मानते हैं। उनके पास मानवता नही है।