पंजाब में हिन्दू और सिक्खों के विरोध के कारण राज्य के मुख्यमंत्रक्ष ने ईसाई मिशनरियों की ‘चंगाई सभा’ में जाना टाल दिया !

चंगाई सभा के मुख्य आयोजक पादरी पर हत्या और बलात्कार का आरोप

टिप्पणी : ‘चंगाई सभा’ का अर्थ पादरियों द्वारा बीमार रोगों पर प्रार्थना के द्वारा उपचार कर उन्हें कथितरूप से स्वस्थ बनाना

मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी

चंडीगढ – पंजाब में हिन्दू और सिक्खों द्वारा किए गए विरोध के कारण मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी ने ईसाई मिशनरियों द्वारा आयोजित मोगा की ‘चंगाई सभा’ में जाना टाल दिया है । इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद ने इसका विरोध करने के लिए हिन्दू और सिक्खों का अभिनंदन किया है । विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि मुख्यमंत्री चन्नी को राज्य में ईसाई मिशनरियों को धर्मांतरण को प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए । साथ ही ईसाई मिशनरियों को चेतावनी भी दी है ।

१. विहिंप के केंद्रीय संयुक्त सचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि ऐसी सभाओं में ईसाई मिशनरी बीमार लोगों को स्वस्थ बनाने का दावा करते हैं; परंतु वास्तव में कोरोना काल में पादरियों की भी मृत्यु हुई है । तो ये ईसाई मिशनरी कोरोना रोगियों को स्वस्थ क्यों नहीं बना सकते ? ऐसी ‘चंगाई सभा’ओं का संपूर्ण देश में बहिष्कार किया जाना चाहिए ।

२. विहिंप के मोगा के जिलाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जिले में होनेवाले धर्मांतरण का मुख्य सूत्रधार पास्टर बजिंदर सिंह है और उस पर हत्या, बलात्कार और धर्मांतरण के आरोप हैं ।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ‘क्रिप्टो ईसाई !’ – विहिंप

विहिंप के मोगा जिलाध्यक्ष शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ‘क्रिप्टो ईसाई’ हैं । ‘क्रिप्टो ईसाई’ का अर्थ गुप्तरूप से ईसाई बने; परंतु सार्वजनिक रूप से मूल धर्म के अनुसार आचरण करनेवाले !