पू. तनुजा ठाकुरजी के मौलिक विचार
वासना में फंसे नेताओं द्वारा राष्ट्र की उन्नति असंभव !
‘आर्य चाणक्य ने कहा है, ‘राष्ट्रस्य मूलः इंद्रियनिग्रह: ।’ अर्थात जो अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है, वही राज्य करने का खरा अधिकारी होता है । इसके विपरीत, आज जो इंद्रियों की विषय-वासना में पूर्णत: फंसे हैं, वे ही शासन कर रहे हैं । इससे काल की दिशा कितनी विपरीत है, यह समझ में आता है । जीतेंद्रिय (जिसने इंद्रियों पर विजय प्राप्त किया है) नेताओं को सत्ता पर स्थापित करने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य है; क्योंकि आज की घृणास्पद राजनीति में प्रवेश करने के लिए जीतेंद्रिय पुरुष तो दूर, चरित्रवान, नीतिवान व्यक्ति भी संकोच करता है !’ – पू. तनुजा ठाकुरजी (६.११.२०२१)