उत्तर भारत में नवरात्रि के अवसर पर ऑनलाइन सत्संग संपन्न !
देहली – नवरात्रि का उत्सव संपूर्ण भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है । नवरात्रि के दिनों मे देवीतत्त्व १००० गुना कार्यरत रहता है । इस अवसर पर देवी भक्त उपवास कर देवी का पूजन करते हैं । नवरात्रि के अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में ७ से १५ अक्टूबर तक ‘ऑनलाइन सामूहिक नामजप एवं सत्संग’ का आयोजन किया गया । कुल ७३० लोगों ने इस सत्संग का लाभ लिया । इस सत्संग में घटस्थापना की विधि और अध्यात्मशास्त्र, नवरात्रि की विविध तिथियों का महत्त्व तथा जागरण करने का अध्यात्मशास्त्रीय आधार, देवीपूजन में उपयोगी आवश्यक सामग्री का महत्त्व, देवीपूजन से संबंधित कुछ कृतियां और उनके लाभ, देवी पर कुमकुम अर्चन एवं आंचल भराई से पूजक को होनेवाला लाभ, मां आद्याशक्ति के रूपों का वर्णन, महाष्टमी, कुमारिका पूजन एवं गरबा का आध्यात्मिक महत्त्व, देवी के महत्त्व एवं मूर्ति के विषय में जानकारी, दशहरे का ऐतिहासिक, आध्यात्मिक महत्त्व एवं आवश्यक कृत्य, इन सभी विषयों पर अध्यात्मशास्त्रीय आधार पर जानकारी दी गई । साथ ही चलचित्रों, विज्ञापनों इत्यादि के माध्यम से देवी-देवताओं के होनेवाले अपमान के विषय में बताकर उसे रोकने हेतु संवैधानिक प्रयासों को बताकर भी जागृति की गई । पवित्र गरबा के स्थान पर आजकल गरबा को प्राप्त हुए कुत्सित स्वरूप के विषय में भी जिज्ञासुओं को बताया गया । सभी ने इस प्रकार होनेवाले देवताओं के अपमान को रोकने हेतु तैयारी दर्शाई ।
इसमें दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के देवी भक्तों ने प्रत्यक्ष लाभ लिया । नवरात्रि निमित्त आयोजित इस सामूहिक नामजप एवं सत्संग के माध्यम से देवी के संदर्भ मे अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी प्राप्त होने से उपस्थित समाज के व्यक्तियों ने आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम में प्रतिदिन १५ मिनट सामूहिक नामजप होने के उपरांत विभिन्न राज्यों से जुडे श्रद्धालुओं ने सामूहिक नामजप करने से आए अनुभव कथन भी बताए ।
अनुभूतियां
१. देवी मां के नामजप के समय कुमकुम का ढेर लगा है, मध्य में देवी मां खडी हैं, ऐसा दृश्य दिखाई दिया । – श्रीमती सावित्री तिवारी, बक्सर, बिहार.
२. अनेकों वर्षाें से नवरात्रि में देवीपूजन करते आए हैं; किंतु सत्संग में बताए गए शास्त्र से पूजा भावपूर्ण होने का आनंद मिला । – श्रीमती पूनम राय, गया, बिहार.
३. अकेले नामजप करने की अपेक्षा सभी के साथ मिलकर नामजप करने से मन को अधिक अच्छा लगा । – श्रीमती मालती सिंह, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश.
४. नामजप के समय जिज्ञासुओं ने बताया कि नामजप बहुत ही भावपूर्ण हुआ और उन्हें देवी मां के दर्शन हुए ।
क्षणिका
ऑनलाइन साप्ताहिक साधना सत्संग में जुडनेवाले दो जिज्ञासुओं ने इस सत्संग में विषय प्रस्तुत किया ।