(कहते हैं) ‘भारत और चीन में युद्ध हुआ ही, तो भारत की हार निश्चित !’
रावण में भी ऐसा ही अहंकार था और फिर उसका नाश हुआ । चीन का अहंकार भी भारत को जल्द से जल्द आक्रमक भूमिका लेकर नष्ट करने की आवश्यकता है । चीन एक हवा का गुब्बारा होने के कारण उसमें सूई चुभोने का काम भारत को ही करना चाहिए !– संपादक
बीजिंग (चीन) – भारत को एक बात स्पष्ट समझ लेनी चाहिए कि, जिस ढंग से उनको सीमा पर अतिक्रमण करना है, वो प्रत्यक्ष में संभव नहीं । ( उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ! – संपादक) यदि युद्ध की स्थिति निर्माण ही होती है, तो भारत को हार के लिए निश्चित स्वरूप में तैयार रहना चाहिए, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी दैनिक ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय लेख में दी गई है ।
‘भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभी भी कायम है । उसके लिए भारत की ओर से ली जाने वाली बातचीत की गलत भूमिका मुख्य कारण है । (‘एक ओर चर्चा करना और दूसरी ओर सेना द्वारा घुसपैठ करना, ऐसी ही चीन की भूमिका हमेशा रही है । यदि उसने उसमें बदलाव नहीं किया , तो परिणाम भोगने को तैयार रहे’, ऐसी चेतावनी भारत द्वारा चीन को दी जानी चाहिए ! – संपादक) भारत की मांगे वास्तविक स्तर पर अव्यावहारिक हैं’, ऐसा भी इस लेख में कहा गया है ।