चिक्कमगलुरु दत्त पीठ में हिन्दू पुजारी की नियुक्ति करें ! – कर्नाटक उच्च न्यायालय का राज्य सरकार को आदेश
एक हिन्दू श्रद्धा स्थल के स्थान पर हिन्दू पुजारी नियुक्त करने के लिए न्यायालय को आदेश देना पडता है । इससे बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में हिन्दुओं की दुरावस्था ध्यान में आती है ! – संपादक
दत्तपीठ का इतिहासदत्तपीठ ४ सहस्र फीट की ऊंचाई पर स्थित हिन्दुओं का धार्मिक स्थल है । इस पर्वत की गुफा में भगवान दत्तात्रेय ने तपस्या की थी । इसलिए, इस क्षेत्र को दत्तपीठ कहा जाता है । इस स्थान पर श्री दत्तगुरु की पादुकाएं हैं । क्रूर इस्लामी आक्रामक टीपू सुल्तान द्वारा मैसूर पर नियंत्रण प्राप्त करने के पश्चात, दत्तपीठ का इस्लामीकरण कर दिया गया था । टीपू सुल्तान ने इस स्थान पर मकबरे बनवाए एवं हिन्दुओं का यह स्थान, कब्रिस्तान में परिवर्तित कर दिया । इसका नाम बदलकर बाबा बुदन दरगाह कर दिया गया । धर्मांध इस स्थान पर अपना अधिकार बता रहे हैं । यह धार्मिक स्थल पुनः हिन्दुओं को मिले, इसलिए हिन्दू वैधानिक पद्धति से संघर्ष कर रहे हैं । |
बेंगलुरु (कर्नाटक) – चिक्कमगलुरु जनपद के दत्त पीठ में हिंदू पुजारी नियुक्त करने का निर्देश कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार को दिया है । इससे पूर्व, वर्ष २०१८ में एक मौलवी को श्री दत्त पीठ का मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया था । इससे बडा विवाद निर्माण हुआ था ।
Karnataka HC directs govt to appoint Hindu priest at Datta Peeta shrine, quashes Congress govt’s order to appoint only Muslim priestshttps://t.co/rERcDfDgXG
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 29, 2021
यह निर्णय दत्त पीठ पर विश्वास रखने वाले हिन्दुओं को श्री दत्तगुरु द्वारा दिया गया वरदान है ! – सी टी रवि
भाजपा विधायक सी टी रवि ने दत्त पीठ आंदोलन का नेतृत्व किया था । उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए रवि ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिया हुआ ‘दत्त पीठ में हिन्दू पुजारी नियुक्त करने का आदेश’, हिन्दुओं के लिए एक बडी विजय है ।’ न्यायमूर्ति नागमोहन दास समिति का पक्षपातपूर्ण ब्योरा अस्वीकार करने के उच्च न्यायालय के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं । ऐसे प्रकरणों में संघर्ष कर रहे हिन्दुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण घटना है । दत्त पीठ पर विश्वास रखने वालों के लिए यह श्री दत्तगुरु का आशीर्वाद है । इस निर्णय ने, जनता का न्यायप्रणाली के प्रति सम्मान बढाया है । मंदिर में धार्मिक विधी करने के लिए मौलवी को नियुक्त करना अनुचित था । अब न्याय हुआ है तथा सत्य की सदैव ही विजय होती है ।”
Let us not forget that as Chief Minister, @siddaramaiah had appointed a Communist to deprive Hindus their right to worship Guru Dattatreya in Datta Peeta.
How can any self respecting Hindu appoint a Mujawar to Datta Peeta?
Hindus will never forgive CONgress and its Secularism. https://t.co/b88129XUeS
— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) September 29, 2021
क्या है न्यायालयीन प्रकरण ?
कांग्रेस की तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार द्वारा, दत्त पीठ को धर्मार्थ विभाग के नियंत्रण में लाया गया था । कांग्रेस सरकार के इस खेल का, तत्कालीन विपक्षी भाजपा ने विरोध किया था । उस समय भाजपा ने, ‘यह सरकार द्वारा राज्य के अल्पसंख्यकों को संतुष्ट करने का एक प्रयास है । क्या सिद्धारमैया किसी मस्जिद में धार्मिक विधि करने के लिए हिन्दू पुजारी नियुक्त करने का साहस करेंगे ?’, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया था । उस समय भाजपा ने कहा था, कि इस प्रकरण में कानूनी संघर्ष किया जाएगा ।