‘सैनिटाइजर’ ज्वलनशील रसायन होने से उसका उपयोग सावधानीपूर्वक करें !

नवरात्रोत्सव की कालावधि में विशेष सर्तकता रखें !

     वर्तमान में नवरात्रोत्सव के काल में (नित्य ही) हाथ में ‘सैनिटाइजर’ लगाकर नीरांजन पर हाथ घुमाकर आरती ग्रहण न करें । उदबत्ती (अगरबत्ती), दीपस्तंभ अथवा रसोईघर का चूल्हा इत्यादि प्रज्वलित करने के पहले हाथ धोने हों, तो साबुन से ही हाथ धोएं ।

     ‘कोरोना विषाणु के संक्रमण से बचने हेतु यथासंभव साबुन से हाथ धोना चाहिए’, यह सभी को ज्ञात है । जब हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करना संभव न हो, तब ही ‘सैनिटाइजर’ का उपयोग करना चाहिए । ‘सैनिटाइजर’ में सहज ज्वलनशील ‘अल्कोहोल’ रसायन का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है । इसीलिए ‘सैनिटाइजर’ का उपयोग करते हुए तत्काल आग लगकर हानि होने की संभावना रहती है । इससे बचने के लिए निम्न सूत्र ध्यान में रखें ।

१. आग के किसी भी स्रोत के निकट ‘सैनिटाइजर’ का उपयोग न करे । उदा. प्रज्वलित उदबत्ती अथवा दीपस्तंभ इत्यादि के निकट, रसोईघर में चूल्हे के पास, निकट कोई धूम्रपान कर रहा हो । आग पर सैनिटाइजर की बूंद गिरने पर तत्काल आग भडक सकती है ।

२. सर्वज्ञात है कि हाथ पर ‘सैनिटाइजर’ लेने पर द्रव्य पदार्थ का वायु में रूपांतरण होने से हाथ सूखे पडते हैं । द्रव्य रूप में स्थित ‘अल्कोहोल’ रसायन भी इसी प्रकार रूपांतरित होता हो, तब भी उसका ज्वलनशीलता गुणधर्म वैसा ही रहता है । इसलिए ‘सैनिटाइजर’ का उपयोग करने के उपरांत अल्पावधि में ही हाथ सूख गए है’, ऐसा लग रहा हो अथवा आग के स्थान से दूर हो, तब भी वायु रूप में परिवर्तित हुआ ‘अल्कोहोल’ जलकर हानि कर सकता है, इसका भान रखना आवश्यक है ।

३. सामान्यत: घर में ‘हाथ साबुन से धोने’ को ही प्रधानता दें और ‘सैनिटाइजर’ का उपयोग अत्यल्प करे ।

४. ‘सैनिटाइजर’ को छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें । उनके लिए ‘सैैनिटाइजर’ का उपयोग करना पडे, तो उचित सावधानी बरतें ।

– डॉ. पांडुरंग मराठे, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (११.९.२०२१)