(कहती हैं) ‘हिन्दुत्वनिष्ठों को समाज में दूरी उत्पन्न कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है !’ – डॉ. दीपा सुंदरम्, डेन्वर विश्वविद्यालय, अमेरिका
हिन्दूविरोधी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन परिषद का तीसरा दिन !
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मुंबई – अमेरिका स्थित डेन्वर विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक प्राध्यापिका डॉ. दीपा सुंदरम् ने कहा है, कि हिन्दुत्वनिष्ठों को ऐसा लगता है कि हिन्दुओं के विरुद्ध होनेवाले दंगों, हिन्दू महिलाओं के साथ होनेवाले बलात्कार और हिन्दुओं की हत्याओं के लिए धर्मनिरपेक्षतावाद उत्तरदायी है (दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान में ‘सेक्युलर’ शब्द घुसाया था, जो कृत्य संविधान विरोधी था । इस संदर्भ में हिन्दू विरोधियों को बोलना चाहिए ! – संपादक) । वे ऐसा मानते हैं, कि इस्लामी विचारधारा हिन्दू तत्त्व ज्ञान और महिलाओं पर आघात कर रही है । (तो इसमें अनुचित क्या है ? – संपादक) हिन्दुत्वनिष्ठ समाज में दूरी उत्पन्न करने के लिए धर्मनिरपेक्षतावाद का उपयोग कर रहे हैं । ऐसा कर उन्हें हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है । डॉ. सुंदरम् इस विश्वविद्यालय में छात्रों को हिन्दू धर्म के संदर्भ में शिक्षा देती है । (ऐसे शिक्षक विश्वविद्यालय के छात्रों को हिन्दू विरोधी तत्त्व ज्ञान ही सिखाते होंगे, यह निश्चित है । अमेरिका में हिन्दूद्वेष के फैलने के पीछे, वहां के विश्वविद्यालय किस प्रकार कार्यरत हैं ; यह इससे ध्यान में आता है ! – संपादक) १० से १२ सितंबर की अवधि में विश्व स्तर पर, डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व (विश्वस्तर पर हिन्दुत्व का उच्चाटन) के नाम से ऑनलाइन परिषद का आयोजन किया गया था । उसमें तीसरे दिन के पहले सत्र में वे ऐसा बोल रही थीं । उन्होंने यह भी कहा, कि मोदी सरकार और उसकी हिन्दुत्व की संकल्पना भारत की विविधता पर प्रहार करती है ।
भाजपा द्वारा सूचना एवं प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग किए जाने से हिन्दूविरोधी पत्रकार को उदरशूल !
इस परिषद के तीसरे दिन के पहले सत्र में, भारत की हिन्दू विरोधी पत्रकार सीरील सैम ने यह आरोप लगाते हुए कहा, कि भाजपा ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नियोजन बद्ध पद्धति से निवेश किया है । भाजपा सरकार ने प्रसार माध्यमों को हटाकर, स्वयं का ‘नमो एप’ जैसा एप विकसित किया है । भाजपा ने अत्यंत प्रभावशाली पद्धति से मीडिया की आईटी सेल का उपयोग किया । (हिन्दुओं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को डास पिलाने वाले धर्मनिरपेक्षतावादियों की यह दोहरी नीति है, इसे ध्यान में लीजिए ! आज के आधुनिक युग में किसी हिन्दुत्वनिष्ठ राजनीतिक दल ने अपने विचारों का प्रसार करने हेतु सूचना और प्रोद्योगिकी का उपयोग किया, तो उससे हिन्दूविरोधियों को उदरशूल क्यों होता है ? अपने हिन्दूद्वेष की भूख मिटाने के लिए, हिन्दूविरोधी कितने नीचले स्तरतक जाकर विरोध करते हैं ; इसका यह उदाहरण है । – संपादक) हिन्दुत्व के विचार को आगे बढाने हेतु, भाजपा ने फेसबुक समूह बनाए हैं । इसके लिए, फेसबुक एवं संघ के मध्य अनुबंध हुआ है । (फेसबुक पर अनेक जिहादी संगठनों के खाते हैं, उसके संदर्भ में सिरिल सैम क्यों नहीं बोलते ? – संपादक) उन्होंने यह भी कहा, कि इसके द्वारा हिंसक विचार फैलाए जाते हैं ।