राजस्थान के मुसलमान बहुल मालपुरा क्षेत्र से सैकडों हिन्दुओं का पलायन !
|
|
जयपुर : राजस्थान के टोंक जनपद के मालपुरा में रहनेवाले हिन्दू परिवारों पर अपने घरों और दुकानों को बेचकर वहां से पलायन करने की स्थिति आ गई है । मुसलमान बहुल क्षेत्र में रह रहे हिन्दुओं ने अपने घरों के बाहर, ‘हम असहाय हैं ; इसलिए, हमें अपने परिवारों सहित पलायन करना पड रहा है’, लिखित भितीपत्रक लगाए हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत को इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की है । इस मांग को लेकर हिन्दुओं ने नगर में फेरी निकाली । (हिन्दू बहुल भारत में हिन्दुओं को ही सुरक्षित रहने के लिए इस प्रकार से फेरियां निकालनी पडती हैं, यह लज्जाप्रद है ! – संपादक) यहां के असुरक्षित वातावरण एवं भय के कारण मालपुरा के हिन्दुओं ने अपने घर बेचने का मन बनाया है । अभी तक हिन्दुओं द्वारा मुसलमानों को ६०० से ८०० घर बेचे जाने की बात बताई जा रही है ।
‘Meat shops being operated near temples, women being molested’: 200 Hindus forced to sell houses and escape Tonk district in Rajasthanhttps://t.co/pUMvgPXqpX
— OpIndia.com (@OpIndia_com) September 9, 2021
१. हिन्दुओं ने फेरी निकालकर प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुत किया । इस ज्ञापन में उन्होंने इस क्षेत्र में उनपर हो रहे अत्याचार की व्यथा बताई ।
२. इस ज्ञापन में कहा गया है, कि मालपुरा में हिन्दुओं के साथ मारपीट की जाती है और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है । वर्ष १९९२ से, मुसलमान बस्ती के पास रहनेवाले हिन्दुओं ने धीरे-धीरे यहां से पलायन किया है ।
३. मुसलमान, मंदिरों के पास अवैध पद्धति से मांस के दुकान चलाते हैं ; इसलिए, मंदिरों में स्थित मूर्तियों का स्थानांतरण किया जा रहा है ।
प्रशासन की हिन्दूद्वेषी भूमिका !
इस फेरी के उपरांत, प्रशासन ने हिन्दुओं को न्याय दिलाने के स्थान पर, धार्मिक सौहार्द को बिगाडने में हिन्दुओं को उत्तरदायी प्रमाणित किया है । प्रशासन ने हिन्दुओं को उनके द्वारा अपने घरों पर लगाए गए ‘पलायन’ के भीतीपत्र हटाने की चेतावनी दी । उसके उपरांत, पुलिस बल ने हिन्दुओं के घर-घर जाकर भीतीपत्रों को हटाने का प्रयास किया ; परंतु, हिन्दुओं के विरोध के कारण वे ऐसा नहीं कर सके ।
मालपुरा क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है । वहां इससे पूर्व उत्पन्न तनाव की घटनाओं में ५० से अधिक लोग जान से हाथ धो बैठे थे । अभी तक २०० हिन्दू परिवारों ने उन्हें सुरक्षा देने की मांग की है ; परंतु, उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई । (हिन्दुओं की मांग की अक्षम्य उपेक्षा करनेवाला हिन्दूद्वेषी प्रशासन एवं कांग्रेस की सरकार ! – संपादक)