अफगानिस्तान में शरीया कानून के अनुसार राजतंत्र चलेगा ! – तालिबान की घोषणा
लोकतंत्र के प्रति प्रेम रखनेवाले, भारत के तालिबान प्रेमियों को अफगानिस्तान में शरीया कानून के अनुसार चलनेवाला लोकतंत्र अच्छा लगेगा और वे उसका समर्थन ही करेंगे ! – संपादक
काबुल (अफगानिस्तान) – तालिबान ने अंततः ७ सितंबर को सायंकाल में अपनी सरकार का गठन किया । इस सरकार में ३० से भी अधिक मंत्री अंतर्भूत किए गए हैं । अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में मुल्ला मोहम्मद अखुंद होगा, तो मुल्ला अब्दुल गनी बरादर एवं अब्दुल सलाम हनाफी ये दोनों उपप्रधानमंत्री होंगे । हक्कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री बनाया गया है । मुल्ला याकूब को रक्षामंत्री, तो अब्बास स्टेनेकजाई को उपविदेशमंत्री बनाया गया है । सरकार के गठन के उपरांत, सरकार की ओर से प्रकाशित विज्ञप्ति में अफगानिस्तान में शरीया कानून के अनुसार राजतंत्र चलाने की घोषणा की गई है । साथ ही, देश में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । (इसका अर्थ अब अफगानिस्तान में लोकतंत्र के अनुसार कुछ नहीं होगा ! भारत के तालिबान-प्रेमी, भारत में लोकतंत्र के नाम पर ही तालिबान का समर्थन कर रहे हैं । अन्य समय भी वे लोकतंत्र के कारण ही विरोधी विचार व्यक्त करते रहते हैं ; इसलिए, क्या अब वो तालिबानी सरकार के इस फतवे के संदर्भ में अपना मुंह खोलेंगे ? – संपादक)
तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने बताया, कि तालिबान इस्लाम के लिए पूरक अंतरराष्ट्रीय कानून, अनुबंध और दायित्व के अनुसार राज्य चलाएगा ।
#Taliban issues first statement on the new #Afghanistan government #AfghanistanCrisis https://t.co/4zUPZHCsXv
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) September 8, 2021
(कहते हैं) ‘मंत्रियों के लिए पी.एच.डी., एम.ए., आदि शैक्षणिक उपाधियों की कोई आवश्यकता नहीं है !’ – तालिबानी शिक्षामंत्री
ऐसे शिक्षामंत्री प्राप्त कर, तालिबान की सरकार और उनका राजतंत्र कैसा रहेगा, यह इससे स्पष्ट होता है !- संपादक
तालिबान की नई सरकार के शिक्षामंत्री शेख मौलवी नुराल्लाह मुनीर ने यह वक्तव्य देते हुए कहा है, कि आज के समय में पी.एच.डी. जैसी उपाधि का कुछ महत्त्व नहीं है । आप यह देख सकते हैं कि मुल्लाओं और सत्ता में बने तालिबानी नेताओं के पास एम.ए. अथवा पी.एच.डी. अथवा मूलभूत शिक्षा भी नहीं है ; परंतु, आज वे यहां के सर्वस्व बने हैं । मुनीर ने यह भी कहा है कि, ‘उपाधियां ही सबसे उच्च हैं’, ऐसा समझने का कोई कारण नहीं है ।
कौन है तालिबान का प्रधानमंत्री मुल्ला अखुंद ?
मुल्ला मोहम्मद अखुंद आज के समय में तालिबान की ओर से लिए जानेवाले महत्त्वपूर्ण निर्णयों के संदर्भ में, जिनपर अंतिम दायित्व है, उन रहाबारी शूरा नामक नेताओं की परिषद का प्रमुख है । अखुंद का जन्म कंदाहार में हुआ है तथा वह तालिबान के सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व करनेवाले समूह के सहसंस्थापकों में से एक है ।
अफगानिस्तान की मंत्री परिषद में सभी मंत्री बडे आतंकी !
१. तालिबान का प्रमुख नेता अखुंदजादा, २० वर्ष पूर्व की तालिबान की सरकार में विदेशमंत्री था । आज के समय में उसका नाम संयुक्त राष्ट्र संघ की आतंकियों की सूची में अंतर्भूत है ।
२. मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की राजनीतिक शाखा का प्रमुख है । सोविएत युनियन अफगानिस्तान से उसने वापसी की और अस्थिरता, कलह और भ्रष्टाचार के वातावरण में, मुल्ला ओमर एवं मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने तालिबान की स्थापना की । वर्ष २०१० में, बरादर को पाकिस्तान के कराची में बंदी बनाया गया था और वर्ष २०१८ में उसे छोडा गया ।
३. गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम संयुक्त राष्ट्र संघ की आतंकियों की सूची में है तथा अमेरिका ने उसे जीवित अथवा मृत पकडवाने वाले को ५ मिलियन डॉलर्स (लगभग ३७ करोड रुपए) देने का पुरस्कार घोषित किया है । अमेरिका की दृष्टि में सिराजुद्दीन हक्कानी फरार है । वर्ष २००८ में, काबुल के होटल में बम विस्फोट हुआ था, जिसमें ६ लोगों की मृत्यु हुई थी । उसमें कुछ अमेरिकी नागरिक भी थे । यह विस्फोट सिराजुद्दीन हक्कानी द्वारा ही किए जाने का आरोप है ।