(कहते हैं) ‘तालिबान को मान्यता न देने पर ९/११ जैसा आक्रमण हो सकता है !’
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ की चेतावनी !
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इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – तालिबान को मान्यता ना देने पर ९/११ समान (९ सितंबर २०११ के दिन अल कायदा के आतंकवादियों ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ की दो इमारतों पर विमानों द्वारा आक्रमण किया था ।) आक्रमणों का सामना करना पड सकता है, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ ने पश्चिमी देशों को दी है ।
डॉ. मोईद यूसुफ ने कहा कि,
१. अफगानिस्तान को दूसरी बार विश्व से अलग रखा, तो पश्चिमी देशों के समाने निर्वासितों का व्यापक प्रश्न निर्माण होगा । वर्ष १९८९ में जब सोवियत यूनियन की सेना इस क्षेत्र से वापस गई थी, तब पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान से दूरी रखी थी । साथ ही अफगानिस्तान को आतंकवादियों का आश्रय स्थान बनने दिया । पाकिस्तान ने अभी तक अफगानिस्तान को मान्यता नहीं दी है; लेकिन विश्व समुदाय से प्रार्थना है कि, उन्हें तालिबान के साथ चर्चा करनी चाहिए, इससे सुरक्षा की दृष्टि से रिक्ति निर्माण नहीं होगी । अब विश्व के सामने यह समय आया है जब तालिबान की सुननी चाहिए, हपले की गलतियों से बचना चाहिए ।
२. अफगानिस्तान में यदि पैसा नहीं होगा, वहां प्रशासन नहीं होगा और इस्लामिक स्टेट और अल कायदा समान गुट वहां उनकी पाळेमुळे रोप रहे होंगे, तो क्या हो सकता है, इसका विचार करना चाहिए । साथ ही वहां निर्माण होने वाला निर्वासितों का संकट केवल इस क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा ।
३. इस संकट के कारण निर्वासितों का लोंढा बढेगा, आतंकवाद बढेगा । ऐसा हो, ऐसा कोई भी नहीं चाहेगा । अफगानिस्तान को अकेला छोड़ने पर वहां कानून और सुरक्षा का प्रश्न निर्माण होगा । वहां जो अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी हैं, वे आतंकवाद की राह अपना सकते हैं । वहां आर्थिक संकट निर्माण हो सकता है और उसका परिवर्तन अंत में ९/११ समान आक्रमण में हो सकता है ।