इस्लामिक स्टेट खुरासान में भारतीय भी अंतर्भूत !

इस्लामिक स्टेट खुरासान के कमांडर ने दी जानकारी !

  • तनी बडी मात्रा में भारत के धर्मांधों के इस्लामी राष्ट्र में कार्यरत जिहादी आतंकी संगठनों में भर्ती होनेतक क्या भारत के सुरक्षा विभाग सोए हुए थे ? – संपादक
  • इन आतंकियों द्वारा भारत में उनके समर्थकों को साथ में लेकर यहां आतंकी गतिविधियां चलाने की संभावना को अस्वीकार नहीं किया जा सकता । इसलिए उन्हें जड से उखाड देने हेतु सरकार कठोर कदम उठाए ! – संपादक
(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

काबुल (अफगानिस्तान) – अमेरिका के समाचार संस्थान सी.एन्.एन्. ने इस्लामिक स्टेट खुरासान (खुरासान अर्थात उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान एवं उजबेकिस्तान का भूभाग) आतंकी संगठन के एक कमांडर से भेंटवार्ता की । उसमें उन्होंने इस संगठन में भारतीय नागरिक भी अंतर्भूत होने की जानकारी दी है, साथ ही उसने ‘काबुल में हमारे संगठन को कोई खतरा नहीं है और हमसे किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाती, यह भी जानकारी दी । काबुल हवाई अड्डे में हुए आत्मघाती बमविस्फोट में १४ भारतीय लोगों का भी हाथ होने की बात इससे पहले ही सामने आई है । केरल से अनेक धर्मांध इस्लामिक स्टेट में भर्ती होने हेतु अफगानिस्ता और सीरिया गए थे, यह इससे पहले ही सामने आया है ।

शरीया कानून लागू करना ही हमारा प्रमुख उद्देश्य !

अपना नाम एवं परिचय सार्वजनिक न करने की शर्त पर इस कमांडर ने इस भेंटवार्ता में कहा कि शरीया कानून लागू करना ही हमारा प्रमुख उद्देश्य है । शरीया कानून लागू करने हेतु जो हमारे साथ हैं, वे हमारे भाई ही हैं और जो विरोध में हैं, उनके विरुद्ध हमने इससे पूर्व ही युद्ध की घोषणा की है । (उनके परिप्रेक्ष्य में हिन्दू ‘काफिर’ होने के कारण वे जिहादी आतंकियों के शत्रु हैं, इसे ध्यान में लें ! – संपादक)

हमने तालिबान के साथ हाथ नहीं मिलाया है ! – इस्लामिक स्टेट खुरासान

इस कमांडर ने आगे कहा कि मेरे नेतृत्व में कुल ६०० आतंकी काम कर रहे हैं । उसमें अनेक पाकिस्तानी और भारतीय आतंकी अंतर्भूत हैं । कुछ स्थानों पर हम तालिबान के साथ भी संघर्ष कर रहे हैं । हमने तालिबान के साथ किसी भी प्रकार से हाथ नहीं मिलाया है और हम तालिबान के साथ करने के इच्छुक भी नहीं है । तालिबान पर अनेक विदेशी शक्तियों का प्रभाव है । तब भी तालिबान की सत्ता के कारण इस्लामिक स्टेट की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही हमें पहले की अपेक्षा अब अधिक गति के साथ हमारा विस्तार करने में सहायता मिलेगी और हमें हमारी अगली गतिविधियां आरंभ करना संभव होगा ।

हमारा कार्यक्षेत्र केवल अफगानिस्तान तक ही सीमित !

सी.एन्.एन्. के पत्रकार ने जब उससे पूछा कि ‘क्या आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रमण करेंगे ?’, इसपर कमांडर ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हमारा कार्यक्षेत्र केवल अफगानिस्तानतक ही सीमित है; इसलिए मैं आपको केवल अफगानिस्तान के संदर्भ में ही जानकारी दे सकता हूं ।