गुरुदेवजी पर अपार श्रद्धा रखनेवाली डॉ. (श्रीमती) शरदिनी कोरे (आयु ७८ वर्ष) १०९ वें संतपद पर विराजमान !
सनातन के इतिहास में एक ही समय मां के संत और पुत्री के जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होने की अभूतपूर्व घटना !
पू. डॉ. (श्रीमती) शरदिनी कोरेजी की कन्या डॉ. (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे (आयु ५२ वर्ष) ने प्राप्त किया ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर !
नवे-पारगांव (वारणा नगर, जनपद कोल्हापुर) – एक ही वर्ष में पति एवं दामाद का निधन, ऐसे अत्यंत कठिन प्रसंगों का साधना के बल पर सामना करनेवालीं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी पर अपार श्रद्धा और अत्यंत विनम्र, इन गुणों से युक्त डॉ. (श्रीमती) शरदिनी कोरेजी (आयु ७८ वर्ष) सनातन संस्था के १०९ वें समष्टि संतपद पर विराजमान हुईं । इसके साथ ही उनकी कन्या डॉ. (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे (आयु ५२ वर्ष) ने ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त किया । रक्षाबंधन एवं नारियल पूर्णिमा की पूर्वसंध्या पर सनातन के साधकों को भावस्पर्शी-चैतन्यदायी भेंट मिली ! सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने एक ऑनलाईन कार्यक्रम में यह भावस्पर्शी घोषणा की ।
इस मंगलमय बेला पर सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी के शुभहस्तों पू. डॉ. (श्रीमती) शरदिनी कोरेजी को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया । इसके साथ ही डॉ. शिल्पा कोठावळे ने सत्कार किया । रक्षाबंधन एवं नारियल पूर्णिमा की पूर्वसंध्या पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा कोल्हापुर जिले को दी यह भावस्पर्शी भेंट का आनंद अवर्णनीय था । सनातन के इतिहास में एक ही दिन मां के संत एवं बेटी के ६१ प्रतिशत घोषित होने की अभूतपूर्व घटना देखने के लिए मिली, इस हेतु साधकों ने कृतज्ञता व्यक्त की ।