षट् सम्पत्ति
अध्यात्मविषयक बोधप्रद ज्ञानामृत…
।। श्रीकृष्णाय नमः ।।
प्रश्न : ठाणेके एक जिज्ञासु का प्रश्न-ज्ञानसाधनामें शम, दम, उपरति, तितिक्षा, श्रद्धा और समाधान, यह षट् सम्पत्ति आवश्यक बताई गयी है । इन शब्दोंका ठीक अर्थ क्या है?
उत्तर : आपने अच्छा प्रश्न पूछा है । शब्दोंके अर्थ तो शब्दकोशमें भी मिलते हैं । तो भी आपने इन शब्दोंका अर्थ पूछ लेना आवश्यक समझा; इससे आप गहन चिंतन करते हैं, यह ध्यानमें आता है, आनंद हुवा । कई बार एक शब्दके अनेक अर्थ होते हैं । अध्यात्मशास्त्रमें शब्दोंका ठीक अर्थ जानना आवश्यक रहता है, यह आगे दिये, विषेशकर उपरति, श्रद्धा और समाधान शब्दोंके अर्थाेंसे ध्यानमें आयेगा । अर्थ आगे दिये हैं ।
शम : मनोनिग्रह । काम, क्रोध आदि विकारोंपर नियंत्रण
दम : इंद्रियनिग्रह । इंद्रियोंको विषयोंके भोगोंकी ओर न जाने दे कर नियंत्रणमें रखना
उपरति : निवृत्ति । वैराग्य । चित्तवृत्तियोंका व्यवहारके कर्माेंसे, संसारसे परावृत्त होना
तितिक्षा : सुख-दुःख, शीत-उष्ण, मान-अवमान आदि द्वंद्वोंके प्रति सहनशीलता
श्रद्धा : शास्त्र, संत और गुरुके वचनोंपर, वे जो बताते हैं उसपर, पूरा विश्वास
समाधान : शंकाओंका निरसन । अध्यात्मशास्त्रका अध्ययन करते समय नाना प्रकारके विकल्प और शंकाएं मनमें आती हैं । सभी प्रश्नोंके उत्तर मिलकर सभी शंकाओंका निरसन होनेपर प्राप्त होनेवाली शांति ।
– अनंत आठवले (२३.१.२०२१)
(संदर्भ : शीघ्र प्रकाशित होनेवाला ग्रंथ)
।। श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।।