शिवशाहिर श्री. बाबासाहब पुरंदरे के सौवें वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सम्मान !
पुणे – संपूर्ण महाराष्ट्र को ही नहीं, तो देश के लिए वंदनीय ऐसे ऋषि समान व्यक्तित्व वाले वरिष्ठ इतिहास संशोधक, पद्म विभूषण, शिवशाहिर बाबासाहब पुरंदरे ने हाल ही मेंं आयु के १०० वें वर्ष में पदार्पण किया है । इस उपलक्ष्य में शिवशाहिर बाबासाहब पुरंदरे का हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री कृष्णाजी पाटिल और पराग गोखले ने उनके निवास स्थान पर जाकर आशीर्वाद लिया । इस समय श्री. पाटिल ने श्री. बाबा साहब को फूलों की माला पहनाई, साथ ही सनातन संस्था के ग्रंथ और श्रीकृष्ण का चित्र उपहार में देकर उनका सम्मान किया । सम्मान के समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरू डॉ. चारूदत्त पिंगळे द्वारा श्री. बाबासाहब पुरंदरे के कार्य के गौरव में लिखा सम्मानपत्र भी दिया गया ।
क्षणचित्र
१. श्री. कृष्णाजी पाटिल द्वारा शिवशाहिर बाबासाहब पुरंदरे को ‘हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्थान परात्पर गुरू डॉ. जयंत बालाजी आठवले ने आपको नमस्कार कहा है’, ऐसा बताने के बाद बाबासाहब ने उनको दी गई भेंटवस्तु और श्रीफल माथे पर लगाकर भावपूर्ण नमस्कार किया ।
२. श्री. बाबासाहब के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दिया गया विशेष सम्मानपत्र उन्होंने तुरंत पढा ।
३. श्री. बाबासाहब को सनातन के ग्रंथ उपहार में देने के बाद उनके परिवार के सदस्यों ने कहा, ‘‘ उनको जो अच्छा लगता है, वही आप लाए हैं । आज शाम तक उनका ग्रंथ पढना हो भी जाएगा ।’’
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शिवशाहिर बाबासाहब पुरंदरे को दिया गया सम्मानपत्र
आप कभी भी मुझसे मिलने आ सकते हैं, पुन: पुन: आइये ! – बाबासाहब पुरंदरे का समिति के कार्यर्ताओं को निमंत्रण
इस समय समिति के कार्यकर्ताओं को बाबासाहब ने कहा, ‘‘पकवान खाने के बाद मुझे जितना आनंद नहीं मिला, उससे अधिक आनंद आपसे मिलकर हुआ । ईश्वर की ओर से मुझे आशीर्वाद और प्रेम मिला है । यह ह्रदय तक पहुंचा और ये प्रेम इसके आगे भी ऐसा ही रहेगा । आप कभी भी मुझसे मिलने आ सकते हैं, पुन: पुन: आइए !’’