‘पिंजरे के तोते’ (सी.बी.आई.) को बेडि़यों से मुक्त करें ! – मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से केंद्र सरकार को आदेश

पहले उच्चतम न्यायालय और अब मद्रास उच्च न्यायालय को इस प्रकार के किए विधान को गंभीरता से लेना चाहिए ! न्यायालय को जो लगता है वो सर्वसामान्य जनता को कम अधिक मात्रा में लगता है । यह देखते हुए अब सी.बी.आई. को मुक्त करने के लिए न्यायालय को अंत तक प्रयास करना चाहिए, ऐसी ही जनता की अपेक्षा है ! – संपादक

चेन्नई (तमिलनाडु) –  मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच विभाग को अर्थात सी.बी.आई. को ‘पिंजरे का तोता’ कहते हुए ‘इस तोते’ को (सी.बी.आई.को) केंद्र सरकार को उसकी बेडि़यों से मुक्त करना चाहिए’, ऐसा आदेश दिया है । ‘केंद्रीय जांच विभाग यह ‘टैग’ (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) के अनुसार संसद को ब्योरा देने वाली एकमेव स्वायत्त संस्था होनी चाहिए । इस विभाग को जब वैधानिक दर्जा दिया जाएगा, तब ही वह स्वायत्त होगा’, ऐसा भी न्यायायलय ने कहा ।

१. न्यायालय ने कहा कि, सी.बी.आई. की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव करने की आवश्यकता है । यह आदेश अर्थात् ‘पिंजरे के तोते को (सी.बी.आई)’ को मुक्त करने का प्रयास है ।

२. वर्ष २०१३ के कोयला खान आबंटन घोटाले के मामले की सुनवाई के समय उच्चतम न्यायालय ने सी.बी.आई को ‘पिंजरे का तोता’ ऐसा संबोधित किया था । उस समय विरोधी पार्टी भाजपा ने सी.बी.आई पर कांग्रेस का नियंत्रण होने का आरोप लगाया था ।