पाक में ईशनिंदा के मामले में ८ वर्ष के हिन्दू लडके को फांसी की सजा होने की संभावना !
इस लडके द्वारा किए कथित ईशनिंदा के कारण धर्मांधों ने किया था श्री गणपति मंदिर पर आक्रमण !
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इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाक के एक मदरसे के पुस्तकालय में लघुशंका करने के कथित आरोप पर हिरासत में लिए गए ८ वर्षीय हिन्दू लडके को ईशनिंदा कानून द्वारा फांसी होने की संभावना है । ईशनिंदा के आरोपों की आड़ में पाक के न्यायालय में विविध व्यक्तियों पर मुकदमे चल रहे हैं ।इस मामले का आरोपी यह हिन्दू लडका देश का सबसे छोटा आरोपी है । वर्तमान में इस लड़के को और उसके परिवार को पुलिस हिरासत में रखा गया है । इस लड़के का नाम उजागर नहीं किया गया है । इस लडके को न्यायालय से जमानत मिलने के कारण धर्मांधों की भीड ने पंजाब प्रांत के रहीम यार खान जिले के भोंग शहर के श्री गणपति मंदिर पर आक्रमण किया था । इस आक्रमण का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था । यह आक्रमण होने के बाद से वहां के हिन्दुओं में दहशत का वातावरण हो गया है तथा उन्हें घर छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है ।
Pakistan charges 8 year old Hindu child with blasphemy, could face death penalty, family goes into hiding fearing backlashhttps://t.co/qjsrh2Jrgv
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 9, 2021
अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कुछ किया जाएगा, ऐसा लगता नहीं ! – पीडित लडके के परिवार का सदस्य
लडके के परिवार के एक सदस्य ने नाम ना छापने की जिद पर ब्रिटिश वृत्तपत्र ‘द गार्डियन’ के प्रतिनिधि को बताया कि, लडके को ईशनिंदा क्या है यह भी ज्ञात नहीं । इस मामले में लडके को गलत ढंग से फंसाया गया है । उसे अभी भी समझ में नही आ रहा कि उसका गुनाह क्या है और उसे एक सप्ताह से कारागृह में क्यों रखा है । हमने अपनी दुकान और काम छोडा है, संपूर्ण समाज घबराया हुआ है । हमें अब उस क्षेत्र में वापस नही जाना है । अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कुछ किया जाएगा या गुनहगारों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही होगी, ऐसा हमें नहीं लग रहा है ।
ईशनिंदा कानून का गलत प्रयोग ! – विश्व के कानून विशेषज्ञों द्वारा टिप्पणी
विश्व के कानून विशेषज्ञों का कहना है कि, लडके पर लगाया गया ईशनिंदा का आरोप झूठा है; कारण इस आयु के किसी भी व्यक्ति पर इससे पहले ईशनिंदा का आरोप नहीं लगाया गया है । मुसलमान बाहुल्य देश में अल्पसंख्यकों के विरोध में इस कानून का गलत प्रयोग किया जा रहा है । इस कारण मानवाधिकार संघठन लंबे समय से पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून पर टिप्पणी कर रहे हैं । न्यायालय ने दोषी पाए गए लोगों को फांसी की सजा सुनाई होगी, तो भी आज तक किसी को भी फांसी नहीं दी गई ।