मदरसे में शिक्षा ले रहे बच्चे का यौन शोषण करने के प्रकरण में धर्मांध शिक्षक को ११ वर्ष का कारावास !

तुमकुरू (कर्नाटक) की घटना

  • इसके लिए किसी मुसलमान ने शरियत कानून के अनुसार ऐसे वासनांध शिक्षकों को पत्थर से कुचलकर मार डालने का दंड देने की मांग की, तो उसमें आश्चर्य कैसा ? – संपादक

  • मदरसों से शिक्षित अनेक छात्र आतंकी गतिविधियां चलाने हेतु तैयार होते हैं, ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं । मदरसों में छात्रों के साथ बलात्कार एवं अप्राकृतिक योन शोषण की भी अनेक घटनाएं हुई हैं । ऐसी घृणास्पद घटनाओं पर स्थाई रूप से लगाम लगाने हेतु, साथ ही मुसलमान छात्रों को मुख्य धारा में लाने हेतु मदरसों पर प्रतिबंध क्यों न लगाया जाए, ऐसा किसी को लगे, तो उसमें अनुचित क्या है ? – संपादक
(प्रातिनिधिक छायाचित्र)

तुमकुरू (कर्नाटक) – जिले के एक अल्पायु बच्चे का यौन शौषण करने के प्रकरण में, बेंगलुरू के विशेष न्यायालय ने ऐसा करनेवाले मदरसे के शिक्षक को ११ वर्ष कारावास और ३० सहस्र रुपए आर्थिक दंड सुनाया है । इसके साथ ही न्यायालय ने जिला विधि सेवा प्राधिकरण को पीडित बच्चे को ५ लाख रुपए हानि भरपाई देने का आदेश भी दिया है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश का निवासी मुशर्रफ कर्नाटक के तुमकुरू के एक मदरसे में शिक्षक था । उसने १७ अप्रैल २०१५ को एक अल्पायु बच्चे का यौन शोषण किया था । उस बच्चे की मां जब उससे मिलने मदरसे में गई, तब उस बच्चे ने उसे यह घटना बताई । बच्चे की मां द्वारा की गई शिकायत पर आरोपी शिक्षक को बंदी बनाया गया । इस प्रकरण में उसके विरुद्ध पोक्सो कानून के अंतर्गत अपराध पंजीकृत किया गया था ।

मुर्शरफ को कन्नड बोलना न आने के कारण, वह रेल टिकट निकालने हेतु उस बच्चे को रेल स्थानक ले गया था और उसके उपरांत वही के एक होटल में रात को इस बच्चे के साथ दुष्कर्म किया था ।