राष्ट्रीय राजमार्ग को चौडीकरण करने के मार्ग में आने वाले धार्मिक स्थलों को बचाने की मांग करने वाली याचिका केरल उच्च न्यायालय ने निरस्त की !

ईश्वर हमें क्षमा करेंगे ! – केरल उच्च न्यायालय

तिरुवनंतपूरम् (केरल) – केरल के कोल्लम शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग ६६ के चौडीकरण का काम चालू होने के कारण उसके बीच में आने वाले धार्मिक स्थल बचाए जाने चाहिए, ऐसी मांग करने वाली याचिका केरल उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दी । ’यदि इस काम में धार्मिक स्थल आ रहे होंगे, तो ईश्वर हमें क्षमा करेगा’, ऐसा न्यायालय ने इस समय कहा । इस याचिका द्वारा इस राजमार्ग के लिए भूमि का अधिग्रहण करते समय घोटाला होने का, साथ ही हमारे द्वारा दिए निर्देशों का पालन राज्य सरकार नहीं कर रही, ऐसा दावा करते हुए इस काम में न्यायालय के हस्तक्षेप करने की मांग याचिकाकर्ता की ओर से की गई थी । इस राजमार्ग के चौडीकरण काम के बीच में २ मंदिर और १ सार्वजनिक, तो १ निजी मस्जिद आ रही है ।

केरल सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने किसी भी धार्मिक स्थल में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किए जाने का दावा किया है । राजमार्ग का चौडीकरण करते समय समीप के धार्मिक स्थलों को बचाने का प्रयास नियमों के आधार पर किया जा रहा है, ऐसा प्राधिकरण ने कहा है ।

सर्वशक्तिमान ईश्वर सर्वव्यापी है !

उच्च न्यायालय ने कहा कि, सर्वशक्तिमान ईश्वर सर्वव्यापी है । वह पृथ्वीपर, आकाश में, खंभों में और युद्ध के मैदान में अर्थात् सर्वत्र है । वह दया का एक रूप है और प्रकाश के स्वरुप में सभी के ह्रदय में रहता है । राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के लिए यदि धार्मिक स्थलों पर परिणाम होने वाला होगा, तो ईश्वर हमें क्षमा करेगा । परमेश्वर याचिकाकर्ता, अधिकारी और निर्णय लेने वालों का रक्षण करेगा । ईश्वर हमारे साथ है ।