(कहते हैं) ‘रात ९ बजे के बाद बाहर निकलने वाली महिला वैश्या होने पर उसे जान से मार देना चाहिए !’ – केरल के ‘इस्लामी विद्वान’ का फतवा

पुलिस की ओर से अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं !

  • इस पर महिला आयोग, महिला मुक्ति संघठन आदि चुप क्यों ? मंदिर में प्रवेश के सूत्र पर महिलाओं के अधिकारों की याद दिलाने वाली तथाकथित स्त्रीवादी अब किस बिल में जाकर छिपी है ? कि इन सभी को यह महिलाओं का अपमान नहीं लगता ?
  • एक अभिनेत्री द्वारा हाल ही में एक वीडियो प्रसारित करने के बाद देखने वालों ने उसे व्यवस्थित कपडे पहनने की सलाह दी । इसपर कुछ तथाकथित सुधारवादी कलाकार, मीडिया आदि में ‘महिला स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है’, ऐसा शोर करते हुए सलाह देने वालों पर टूट पडे थे ! ऐसे कलाकार, मीडिया आदि अब इस ‘इस्लामी विद्वान’ के विरोध में बोलने का साहस दिखाएंगे क्या ?
  • ऐसे समाजद्रोही और हिंसक विधान करने वालों पर पुलिस कार्यवाही क्यों नहीं करती ? ऐसे पुलिसवालों पर उनके वरिष्ठों को कार्यवाही करनी चाहिए !

तिरुवनंतपुरम् – रात ९ बजे के बाद बाहर निकलने वाली महिला के वैश्या होने से उसे जान से मार देना चाहिए, ऐसा फतवा केरल के एक ‘इस्ल्लामी विद्वान’ सलीह बथेरी ने किया । इस संदर्भ में उसने एक वीडियो प्रसारित किया है ।

केरल में कुछ वर्ष पूर्व हुई एक बलात्कार की घटना में गोविंदाचामी को सजा दी गई थी । सलीह द्वारा प्रसारित किए वीडियो में बलात्कारी गोविंदाचामी को सही बताया है । सलीह ने आगे कहा कि, गोविंदाचामी ने एक युवती का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी । उस समय गोविंदाचामी ने भी ‘वह युवती रात में अकेले यात्रा कर रही थी और रात में यात्रा करने वाली प्रत्येक युवती  वैश्या ही होती है’, ऐसा कहा था । इस समय सलीह ने गोविंदाचामी मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों पर भी टिप्पणी की थी । इस मामले में पुलिस ने सलीह पर अभीतक कोई भी कार्यवाही नहीं की है । (कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में होने के कारण राज्य में पुलिस अल्पसंख्यकों की चमचागीरी करते हैं तो इसमें क्या आश्चर्य  है ? – संपादक)