आसाम में भी ‘लव जिहाद’ विरोधी कानून बनेगा ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

हिंदू और मुसलमान दोनों पर कानून लागू होगा ! 

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

गोहाटी (आसाम) – आसाम की भाजपा सरकार ‘लव जिहाद’ विरोधी कानून लाने वाली है । इस विषय में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि, हम इसके लिए ‘लव जिहाद’ शब्द का प्रयोग नहीं करेंगे; कारण कोई एक मुसलमान व्यक्ति हिंदू महिला को फंसाकर उससे विवाह करता है वही ‘लव जिहाद’ नहीं होता है । यदि हिंदू पुरूष भी ऐसा करता है, तो वह भी ‘लव जिहाद’ होगा । (मूल रुप से ‘लव जिहाद’ की शुरूआत धर्मांध वृत्ति से हुई है । इसमें हिंदू युवतियों को लक्ष्य बनाकर हिंदू धर्म पर आघात करने का षडयंत्र है । इस्लाम पंथ को लक्ष्य करने के लिए कितने हिंदू युवक मुसलमान युवतियों को लक्ष्य करते हैं, यह जांच का विषय है । इस कारण ‘सर्वधर्म समभाव’ की आड़ में हिंदू और मुसलमानों पर एक ही नियम लगाना अब तो रुकना चाहिए, ऐसा हिंदुओं को लगता है ! – संपादक) इस कानून से ऐसी घटनाएं थमेंगी ।

देश के १० राज्यों में लव जिहाद विरोधी कानून

देश के तमिलनाडु राज्य में सर्वप्रथम लव जिहाद विरोधी कानून बनाया गया था; लेकिन वर्ष २००३ में उसने उसे रद्द कर दिया । वर्तमान में देश के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और ओडिसा राज्य में लव जिहाद विरोधी कानून बनाए गए हैं । उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान इन राज्यों में इस कानून के अंतर्गत दोषी व्यक्ति को ५ वर्ष तक, तो अनुसूचित जाति और जनजाति के संबंध में ७ वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान है । उत्तर प्रदेश में इस कानून के अंतर्गत १० वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है ।