मुसलमान नेताओं के ८ गुट बनाकर उपाय मंगवाए जाएंगे !

असम में बढ़ती मुसलमानों की  जनसंख्या को नियंत्रित करने का प्रयास

  • समान नागरिक कानून और जनसंख्या नियंत्रण कानून ही इस पर मुख्य उपाय हैं ।  वह करने के लिए असम  सरकार केंद्र सरकार को बताए, एेसा ही हिन्दुआें को लगता है !
  • गांधीगिरी के ऐसे प्रयास सफल हों, तो अच्छा है; परंतु पिछले सैकड़ों वर्षों के धर्मांधों के इतिहास को देखते हुए, प्रायोगिक स्तर पर ये प्रयास कितने प्रभावी होंगे इसमें हिन्दुओं को संदेह है !
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा

गुवाहाटी (असम) – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ४ जुलाई को राज्य में  मुसलमानों की बढती जनसंख्या  को नियंत्रित करने के लिए राज्य के १५०  मुसलमान नेताओं की एक बैठक आयोजित कर चर्चा की । इस बैठक में नेताओं ने स्वीकार किया कि, मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या राज्य के विकास में बाधा बनी हुर्इ है। वह दूर करने के लिए ८ गुट बनाए जाएंगे । इसमें राज्य के मुसलमान नेता सम्मिलित  होंगे ।  ये गुट अगले तीन महीने में  इसका ब्योरा प्रस्तुत करेंगे ।

१. चर्चा के उपरांत  पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “यदि  असम को  देश के पांच प्रमुख राज्यों में आना हो, तो हमें जनसंख्या विस्फोट को रोकना होगा ।”  इस पर इस चर्चा में सम्मिलित सभी नेताआें ने सहमति दर्शार्इ । ८ गुटों से ब्योरा आने के उपरांत अल्पसंख्यकों के विकास का एक प्रारूप बनाया जाएगा और अगले ५ वर्षों  तक उसी के अनुसार कार्य  किया जाएगा ।

२.  मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट किया कि अगली बैठक में अल्पसंख्यक नेताओं के साथ-साथ छात्र संगठन भी सहभागी   होंगे । अन्य  देशों से आए हुए लोगों (उदाहरण के लिए, बांग्लादेशी मुसलमान ) के साथ भी चर्चा की जाएगी। (उन्हें भारत से निष्कासित क्यों नहीं किया जाता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)