सनसनीखेज समाचार प्रकाशित करने के लिए, किसी व्यक्ति को मृत्यु  के मुंह में ढकेलने की अपेक्षा किसी पत्रकार से नहीं की जा सकती ! – प्रयागराज उच्च न्यायालय

धर्मांध पत्रकार के कहने पर विधान भवन के सामने आत्मदहन का नाटक करते हुए एक व्यक्ति की मृत्यु  का प्रकरण !

इस प्रकार  से आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करनेवाले पत्रकारों के लिए कोई यदि मृत्यु दंड की मांग करे तो वह मांग अनुचित नहीं होगी !

प्रयागराज उच्च न्यायालय

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – प्रयागराज के एक पत्रकार शमीम अहमद ने  सनसनीखेज समाचार बनाने  के लिए एक व्यक्ति  को आत्मदहन का नाटक करने के लिए कहा, जिसमें उसकी मृत्यु हो गई । प्रकरण में प्रयागराज  उच्च न्यायालय ने पत्रकार की जमानत नकारते हुए कहा, ” किसी व्यक्ति को मृत्यु के मुंह में ढकेलने की अपेक्षा किसी पत्रकार से नहीं की जा सकती ।  पत्रकार ने लक्ष्मणपुरी में राज्य के विधान भवन के सामने उस व्यक्ति को आत्मदहन करने का प्रयास करने के लिए बाध्य किया था । शमीम ने कहा था, “घटना का वीडियो बनाकर दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा।”

१. मृतक को मकान मालिक ने घर खाली करने को कहा था । उस समय, उस व्यक्ति ने कहा कि उसके पास इस समय पैसे नहीं हैं। मालिक ने कहा, “घर  खाली करो  अथवा जलकर मर जाआे ।”

२. पत्रकार शमीम ने उस व्यक्ति से कहा, ‘यदि वह विधान भवन के सामने आत्मदहन करने का नाटक करे, तो  वह  उसका वीडियो बनाकर दूरदर्शन पर प्रसारित करेगा । फिर कोई उसको  घर से निकालने का प्रयत्न नहीं करेगा’, एेसा प्रलोभन दिया था । उसके अनुसार उस व्यक्ति ने विधान भवन  के सामने किया; जिसमें  अधिक जल जाने से उसकी मृत्यु हो गई  ।  इस प्रकरण  में उस व्यक्ति की पत्नी द्वारा शमीम के विरुद्ध  शिकायत करने के उपरांत  शमीम को  बंदी बनाया गया ।