तथाकथित बुद्धिवादी
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
वास्तविक बुद्धिवादी प्रयोग कर निष्कर्ष तक पहुंचते हैं । इसके विपरीत स्वयं को बुद्धिवादी कहलानेवाले साधना का, अध्यात्म का प्रयोग किए बिना ही कहते हैं, ‘वह झूठा है ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले