पाकिस्तान में आतंकवादियों को आश्रय एवं निवृत्ति वेतन दिया जाता है !
भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान की आलोचना !
भारत ने केवल ऐसी आलोचना करने की अपेक्षा पाकिस्तान को स्थायी सबक सिखाने की आवश्यकता है ! ऐसी आलोचना का कभी कोई विशेष प्रभाव होते हुए नहीं दिखाई देता !
जेनेवा (स्विट्जरलैंड) – पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय नीतियों के नाम पर एेसे लोगों को निवृत्ति वेतन देता है, जो हानिकारक एवं आतंकवादी घोषित किए गए हैं । उसी प्रकार वह इन लोगों को आश्रय भी देता है । इसलिए अब पाकिस्तान को आतंकवादियों की सहायता करना तथा आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तरदायी ठहराने का समय आ गया है, पाक की ऐसी कठोर आलोचना भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक सत्र में की है । कश्मीर से संबंधित एक ब्योरे पर भारत ने अपना पक्ष रखा ।
Terming forced conversion a “daily phenomenon” in #Pakistan, #India has expressed concern over reports of atrocities committed against religious minorities in the country before the UNHRC.https://t.co/327NRo7ceH
— IndiaToday (@IndiaToday) June 23, 2021
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने भारत की भूमिका स्पष्ट की उन्होंने कहा, हमने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की अवयस्क लडकियों के अपहरण, बलात्कार एवं बलपूर्वक धर्मांतरण तथा विवाह के समाचार देखे हैं । पाकिस्तान में, धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की १ सहस्र से अधिक लडकियों का प्रति वर्ष बलपूर्वक धर्म परिवर्तन किया जाता है । हिन्दुओं, ईसाइयों, अहमदियों, सिखों आदि सहित अल्पसंख्यकों का उत्पीडन कानूनी न्यायपालिका की अपेक्षा समानांतर न्यायपालिका के माध्यम से किया जाता है, यह बात पाकिस्तान में सामान्य मानी जाती है । पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पवित्र एवं प्राचीन स्थलों पर आक्रमण कर उनकी तोडफोड करने की घटनाएं भी हुई हैं ।