अभिनेता रणवीर सिंह ने ‘बाजीराव मस्तानी फिल्म के रंगमंच पर भूत दिखाई देने का दावा किया !

इस संबंध में अंधश्रद्धा निर्मूलनवालों का क्या कहना है ? अब विज्ञानवादी किसे कहें ? इस घटना को अंधविश्वास कहकर पल्ला झाडनेवालों को विज्ञानवादी कहना है अथवा सूक्ष्म शक्तियों के संबंध में शोध कर उसका सत्य जान लेनेवालों को ? जनता इसे भलीभांति जानती है ।

मुंबई – प्रसिद्ध अभिनेता रणवीर सिंह ने हाल ही में एक भेंटवार्ता में ‘बाजीराव मस्तानी’ फिल्म के रंगमंच पर (सेट पर) उन्हें भूत दिखाई देने की बात कही है । उन्होंने वह भूत बाजीराव पेशवा की आत्मा होने का दावा किया है । उन्होंने यह भी कहा कि इससे पूर्व मैं कभी भी आत्मा और भूत पर विश्वास नहीं करता था; परंतु उस दिन से मैं बहुत भयभीत था । उस फिल्म के चित्रीकरण के वो सबसे कठिन दिन थे ।

इस संदर्भ में रणवीर सिंह ने आगे कहा कि,

१. मेरे इर्द-गिर्द सदैव कोई तो है, ऐसा मुझे प्रतीत होता था । ‘वे बाजीराव पेशवा होंगे’, ऐसा मुझे लगता था ।

२. मैं निरंतर यह विचार करता था कि ‘यदि मुझे सचमुच ही बाजीराव पेशवा की आत्मा दिखाई दी, तो … ?’ मैं ऐसा विचार क्यों कर रहा था, यह मुझे ज्ञात नहीं; परंतु कुछ ही दिनों में यह प्रत्यक्षरूप से घटित हुआ । मेरे कान में किसी ने ‘मैं वही (बाजीराव) हूं’, ऐसा किसी ने कानाफूसी की है, ऐसा मुझे प्रतीत हुआ ।

३. एक दिन रंगमंच पर मुझे एक बडा लक्ष्य (टास्क) दिया गया था । यह टास्क सुचारूरूप से संपन्न हो; इसके लिए मैं प्रार्थना कर रहा था । रंगमंच पर एक काले रंग की दीवार थी । उस दीवार पर श्वेत रंग की धूल जमा होने से एक आकृति तैयार हुई थी । वही पगडी, वही आंखें, वहीं मूंछे और सचमुच वही रोब … ! वह हूबहू बाजीराव पेशवा की ही आकृति थी । मैने रंगमंच पर उपस्थित कई लोगों को यह आकृति दिखाई भी ! उस पर कई लोगों ने वह आकृति बाजीराव पेशवा की ही होने की बात स्वीकार की थी ।’’

इससे पूर्व हिन्दी फिल्मजगत की अभिनेत्री बिपाशा बासू, अभिनेता इमरान हाश्मी और वरुण धवन ने भी उनसे कुछ अभिनेत्रियों ने चित्रीकरण के समय इस प्रकार के विचित्र अनुभव होने की बात कही थी ।