कर्नाटक के हिन्दुओं के मंदिरों के लिए आवंटित धनराशि अन्य धार्मिक संस्थाओं के लिए खर्च नहीं की जाएगी !
हिन्दुओं के संगठन के विरोध के उपरांत कर्नाटक सरकार का आदेश
बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक सरकार ने यह आदेश दिया है कि कर्नाटक हिन्दू धार्मिक संस्था एवं धर्मादाय विभाग की धनराशि, जिसे ‘मुजराई विभाग’ कहा जाता है, इस विभाग के पैसों का उपयोग इससे आगे किसी भी गैरहिन्दू धार्मिक संस्थाओं को देने के लिए न किया जाए ।
१. धर्मादाय विभाग की ओर से पुजारी और अन्य (मुसलमान आदि) धार्मिक संस्थाओं के कर्मचारियों को हिन्दुदूओं के मंदिर के लिए आरक्षित धनराशि दी जाती है । इसके विरुद्ध विविध हिन्दू संगठन और नेताओं द्वारा हाल ही में व्यक्त क्षोभ का उत्तर देते हुए धर्मादाय विभाग के मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने ‘इस प्रकार की आर्थिक सहायता तुरंत प्रभाव से रोकी जाए’, यह आदेश दिया है ।
२. धर्मादाय आयुक्त ने एक विज्ञप्ति में बताया कि राज्य के अनुमानित २७ सहस्र हिन्दू मंदिरों की अंतर्भाववाली ‘तास्तिक’ राशि के अंतर्गत १३३ करोड रुपए खर्च किए जाते हैं; परंतु इस राशि के लाभान्वितों में से ७६४ संस्थाएं गैरहिन्दू धार्मिक संस्थाएं हैं । मंत्री द्वारा बताए अनुसार तुरंत नोटिस देकर इसे रोकने के आदेश जारी किए जाएंगे ।
३. हिन्दू संगठनों ने महामारी के समय में धर्मादाय विभाग के कोष से इमामों को सहायता राशि देने का विरोध किया था । मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री येदिडयुरप्पा ने कुछ दिन पूर्वहाल ही में ५०० करोड रुपए की सहायता की घोषणा की है, जिसमें मंदिरों के पुजारी, ‘सी’ श्रेणी के मंदिरों में कार्यरत कर्मचारी, साथ ही मस्जिदों के इमामों और मुअजीनों को (अजान देनेवाले) एक बार की सहायता दी गई थी ।
४. विश्व हिन्दू परिषद ने पुजारियों को दी गई सहायता राशि का स्वागत किया है तथा मानव संसाधन विकास विभाग के कोष से मस्जिदों के लिए पारित की गई सहायता राशि का विरोध किया है । मंत्री कोटा श्रीनिवासन पुजारी से मिले हुए विहिप नेताओं ने सरकार के इस निर्णय की निंदा की ।