गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में आए हुए दो संदिग्ध पुलिस हिरासत में!

  • ‘सर्जिकल ब्लेड’ जप्त

  • मेरी हत्या करने आए थे महंत यति नरसिंहानंद का दावा

इससे ध्यान में आता है कि उत्तर प्रदेश में हिन्दू संत, महंत और साधु असुरक्षित हैं ।, इसलिए हिन्दुओं की अपेक्षा  है कि राज्य सरकार संतों और महंतों को अधिक सुरक्षा प्रदान करे !

महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और आरोपी

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – गाजियाबाद के प्रसिद्ध डासना देवी मंदिर में दो जून की रात दो युवकों को मंदिर के सेवकों ने पकड़ा ।वे दोनों स्वयं  को हिन्दू बताते हुए  मंदिर के प्रवेश द्वार पर आए थे तथा पूछताछ में पता चला कि उनमें से एक मुसलमान था। तलाशी के दौरान उनके पास  से एक ‘सर्जिकल ब्लेड’ मिला। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद  सरस्वती ने आरोप लगाया कि  ”ये दोनों आतंकवादी हैं जो उन्हें  मारने के उद्देश्य से आए थे ।” दोनों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

१. इन दोनों ने मंदिर के प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस को बताया था कि वे नागपुर के निवासी हैं एवं उनके नाम क्रमश: विपुल विजयवर्गीय और  काशी गुप्ता है । उनके पास एक बैग था। उसके बाद जब सेवकों ने  उनसे पूछताछ की तो पता चला कि काशी  नाम लेने वाले का वास्तविक नाम कासिफ मोहम्मद था। वह गाजियाबाद के संजयनगर का रहनेवाला है ।

२. विपुल विजयवर्गीय ने कहा, “मैं सर्जिकल ब्लेड से उपचार  करता हूं।” तीन वर्ष  पहले विपुल और कासिफ की फेसबुक पर मित्रता हुर्इ थी । विपुल ने गाजियाबाद पहुंचकर डासना देवी मंदिर जाने की इच्छा व्यक्त की, इसलिए वे मंदिर आए, एेसा, उन्होंने पूछताछ के दौरान कहा।

३. महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए कश्मीर से दिल्ली आए एक आतंकवादी को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। उसे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने भेजा था। इस्लाम के संबंध में कथित रूप से आपत्तिजनक विधान करने के कारण  जिहादियों द्वारा , महंत यति नरसिंहानंद को लक्ष्य बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है ।